फ्री बिजली के साइड इफ़ेक्ट, पंजाब की AAP सरकार को चुकाने होंगे 20,000 करोड़ !

अमृतसर: पंजाब में सत्ता प्राप्ति के लिए अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) ने बढ़-चढ़कर कई लुभावने वादे किए थे। इनमें से एक वादा सूबे के लोगों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का था। सत्ता में आने के बाद भगवंत मान के नेतृत्व वाली AAP सरकार ने इस वादे को लागू भी कर दिया। लेकिन, अब सरकार खुद इस वादे के बोझ तले दबती जा रही है। पहले से ही कर्ज में दबे पंजाब के लिए अब यह योजना एक मुसीबत बन चुकी है। दरअसल, एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब की AAP सरकार को बिजली सब्सिडी के तौर पर 20,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान करना बाकी है, जो संभवतः मौजूदा वित्त वर्ष के अंत में बढ़कर 23,000 करोड़ रुपए तक हो जाएगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, विभिन्न क्षेत्रों को भुगतान की गई कुल सब्सिडी, 1997-1998 वित्तीय वर्ष में, जब प्रदेश में पहली बार फ्री बिजली का एलान हुआ था, तब यह 604.57 करोड़ रुपए थी। राज्य में पहली बार पूर्व सीएम राजिंदर कौर भट्टल ने 1997 में कृषि क्षेत्र को निःशुल्क बिजली आपूर्ति का ऐलान किया था। तब से आर्थिक रूप से अस्थिर इस राज्य ने पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड को 1.18 लाख करोड़ रुपए का भुगतान अकेले बिजली सब्सिडी के तौर पर किया है। यह आँकड़ा विगत वित्तीय वर्ष तक का है। बीते 25 सालों में सब्सिडी का लाभ यहाँ के किसानों, अनुसूचित जाति (एससी) समुदायों और उद्योग क्षेत्र को मिला है।

हालाँकि, मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली मौजूदा सरकार के तहत यह स्थिति बिगड़ती नज़र आ रही है, क्योंकि राज्य को बिजली कंपनी को विभिन्न श्रेणियों के लिए बिजली सब्सिडी के रूप में 22,962 करोड़ रुपए चुकाना है, जो कि बहुत बड़ी राशि है और यह किसी भी सरकार द्वारा बिजली प्रदाता को किया गया एक रिकॉर्ड भुगतान होगा। रिपोर्ट के अनुसार, सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में बिजली सब्सिडी के लिए 15,846 करोड़ रुपए का भुगतान करने का इरादा रखती है। इसमें बीते वर्ष का 7,117.86 करोड़ रुपए का बकाया भी जुड़ा हुआ है। सरकार 6,947 करोड़ रुपए कृषि क्षेत्र को फ्री बिजली देने और 2,503 करोड़ रुपए उद्योगों को निःशुल्क बिजली देने पर खर्च करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, 22,962 करोड़ रुपए की भारी राशि में पंजाब के नागरिकों के लिए 300 फ्री यूनिट बिजली भी शामिल है।

बता दें कि, सूबे में सरकार 1997 के बाद से ही बिजली सब्सिडी देती रही है, मगर AAP ने हर किसी को 300 यूनिट बिजली मुफ्त में देने का वादा कर राज्य के सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ा लिया। पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) के अनुसार, नॉन-पीक डिमांड के दौरान भी बिजली की खपत 14,000 मेगावाट पर यथावत बनी हुई है। इससे साफ़ तौर पर अनुमान लगाया जा सकता है कि बिजली की सब्सिडी में इजाफा होगा और राज्य के खजाने में और कमी आएगी। बढ़ती बिजली सब्सिडी के कारण सूबे के करदाता कथित तौर पर PSPCL को प्रतिघंटे 2 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि चुका रहे हैं।

बता दें कि जब पूर्व सरकार ने गत वर्ष 7 किलोवाट लोड तक 3 रुपए प्रति यूनिट रिफंड का ऐलान किया था, तो कई ग्राहकों ने राहत पाने के लिए अपनी खपत कम कर दी थी। लेकिन AAP सरकार को सब्सिडी के बदले में इस वित्तीय वर्ष 2,300 करोड़ रुपए चुकाने हैं। पंजाब राज्य के 74 लाख घरेलू उपभोक्ताओं में से 87 फीसद को नवंबर में ‘शून्य बिल’ मिला है। साथ ही, PSPCL को पंजाब के सीएम द्वारा किए गए वादे के कारण 1,880 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो रहा है। वहीं, विगत वर्ष PSPCL को 1,069 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था।

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