अमृतसर: पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा शुरू की गई फ्री बिजली योजना का साइड इफ़ेक्ट देखने को मिला है। दरअसल, पंजाब सरकार का बिजली विभाग रोज़ाना 54 करोड़ रुपये की सब्सिडी के चलते धन की किल्लत से जूझ रहा है। इससे तंग आकर पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) के एक कर्मचारी ने अपनी बिजली सब्सिडी छोड़ने के लिए सरकार को लेटर लिखा है। PSPCL पटियाला डिवीजन के चीफ इंजीनियर के निजी सचिव करमजीत सिंह ने PSPCL के अध्यक्ष को पत्र लिखते हुए कहा है कि उनके और उनकी पत्नी के नाम पर लगे दो बिजली मीटरों का बिल शून्य आ रहा है, मगर वे बिल भरना चाहते हैं, क्योंकि वे बिजली विभाग द्वारा लिए गए कर्ज से चिंतित हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, सब्सिडी का बोझ उठाने में असमर्थ PSPCL को अपने कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए 500 करोड़ रुपये का कर्ज लेना पड़ा है। चूँकि, राज्य की भगवंत मान सरकार ने उपभोक्ताओं को सब्सिडी से बाहर निकलने के लिए कोई ऑप्शन नहीं दिया है। इसके चलते पंजाब के 88.15 फीसद निवासियों को जनवरी में जीरो बिजली बिल मिला है। करमजीत सिंह ने मीडिया को बताया है कि उन्होंने PSPCL के चेयरमैन को पत्र लिखते हुए अपने वेतन से 5000 रुपये हर महीने काटने को कहा है, ताकि वह बिजली विभाग के आर्थिक संकट दूर करने में सहयोग कर सकें, जो सब्सिडी और कर्ज के कारण परेशानी के दौर में है। हालाँकि, करमजीत सिंह का कहना है कि, 'मुझे किसी भी पत्र का कोई जवाब नहीं मिला है।' सूत्रों का कहना है कि राज्य का बिजली विभाग पहले से ही धन की किल्लत से जूझ रहा है, आने वाले दिनों में चीजें और बदतर हो सकती हैं, जब गर्मी और धान की रोपाई के मौसम में बिजली डिमांड बढ़ने पर विभाग को बिजली खरीदना होगी। एक अधिकारी ने बताया है कि, 'हम नहीं जानते कि हम इस संकट से कैसे निपटेंगे। मैं लोगों से यह कह सकता हूं कि वे बिजली कटौती के लिए तैयार रहें।' 'देश देख रहा है, एक अकेला कितनों पर भारी है..', विपक्ष के हंगामे के बीच पीएम मोदी ने भरी हुंकार हिमाचल में जिन्दा जल गए बिहार के 4 बच्चे, हुई दर्दनाक मौत 'गोवा चुनाव में लगाया शराब घोटाले का पैसा..', एक और गिरफ्तार, केजरीवाल सरकार पर लटकी तलवार