साइलेंट किलर होती हैं स्लीपिंग पिल्स

आजकल की फ़ास्ट लाइफ में सबकुछ फ़ास्ट हो गया है. इतना फ़ास्ट कि न खाने का वक्त है और ना ही चैन की नींद नसीब होती है. बहुत से लोगों को नींद न आने की प्रॉब्लम होती है. ये किसी मानसिक परेशानी, चिंता, दबाव या किसी और कारण भी हो सकती है. लोग अक्सर नींद के लिए दवाइयों का भी इस्तेमाल करने लगते हैं लेकिन उन्हें नहीं पता कि वो इनकेर सेवन से कितनी भारी मुसीबत में पड़ सकते हैं. कुछ शोधों में भी सामने आया है कि नींद की दवाइयां कितनी घातक होती है.

एक शोध के अनुसार, नींद की दवा लेने से लोगों की सोचने समझने की क्षमता, सतर्कता और समन्वय की क्षमता प्रभावित होती है। इससे उनके दुर्घटनाएं करने की संभावना बढ़ जाती है। यही नहीं इससे सोने के दौरान सांस संबंधित समस्याएं होती हैं। इन दवाओं का केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर भी बुरा असर पड़ता है। इन दवाओं का लगातार सेवन करने से आत्महत्या करने की प्रवृत्ति भी बढ़ती है। इनका सेवन शरीर के नुकसानदायक होता है।' यह शोध वर्ष 14 हजार लोगों पर आधारित है। एक और शोध से पता चलता है क़ी यह दवाइयां दिल के लिए भी बहुत घातक साबी होती है. नींद की दवाओं के 35 मिलींग्राम के डोज लेने से दिल के दौरे का खतरा 20 प्रतिशत बढ़ जाता है जबकि साल में करीब 60 नींद की दवाएं लेने से यह रिस्क 50 प्रतिशत हो सकता है। शोध के दौरान करीब 50,000 लोगों का अध्ययन किया गया जिसमें उनके सोने की आदत, दवा का सेवन और दिल की सेहत का ब्यौरा लिया गया है। इसके अलावा भी इन गोलियों के बहुत सारे नुकसान है.

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