पंजाब सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह के एक और मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा सरकार की कार्यशैली से खफा हो गए हैं. रंधावा ने बेअदबी के मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर यहां तक कह दिया, 'मैं सरकार में रहूं या न रहूं, लेकिन झूठ नहीं बोल सकता. सरकारें आती-जाती रहती हैं. हम भी बादल की तरह सजा के भागीदार बन रहे हैं. यदि यही हाल रहा तो लोग हम पर थूकेंगे भी नहीं.' रंधावा के इस बयान ने सियासी हलकों में हलचल पैदा कर दी है. विरोधियों को भी बड़ा मुद्दा मिल गया है. पंजाब के सीएम ने डीजीपी को दिए सख्त आदेश, कहा - 'नेताओं और गैंगस्टरों के संबधों की जाएं जांच'... मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले पटियाला हलके के चार विधायकों ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था. कैप्टन ने बड़ी मुश्किल से उनके गुस्से को शांत किया था. करीब 25 विधायकों के मोर्चा खोलने की भनक लगने पर कुछ को सरकार ने विधायकों का सलाहकार बना कर लॉलीपॉप दिया था. विधायक सुरजीत धीमान, नत्थू राम, कुलबीर जीरा, पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह समेत कई विधायक अफसरशाही से नाराज हैं. दुष्कर्म मामलों पर बोली जया प्रदा, कहा- हैदराबाद की तरह ही किया जाए एनकाउंटर आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कुछ पंथक संगठनों से जुड़े लोगों ने सुखजिंदर सिंह रंधावा के घर के आगे धरना दिया था. लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए रंधावा ने प्रदर्शनकारियों के सामने कहा, 'हम लोगों को क्या जवाब दें. लोग हमें पूछते हैं. हमें तो लोगों से मिलना है. इस मामले में इंसाफ मिलना चाहिए था. हम भी बादलों की तरह सजा के भागीदार बन रहे हैं. पहले दिन ही दोषियों को अंदर कर देना चाहिए था. कई पुलिस अधिकारियों को अंदर गए बिना ही जमानतें मिल गईं. मैं झूठ नहीं बोल सकता. भले ही कुर्सी छोडऩी पड़ जाए.' विश्व मानवाधिकार दिवस: प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है, जीवन, आजादी, समानता और सम्मान नागरिकता संशोधन बिल पारित होने पर तिलमिलाया पाक, मोदी सरकार पर लगाया संगीन आरोप खुद को सांसद बताकर संसद में घुसने की कोशिश, गिरफ्तारी के बाद जांच में जुटी एजेंसी