नई दिल्ली: वैक्सीन इंडस्ट्री द्वारा पूर्व में झेले गए लालफीताशाही व्यवस्था और ड्रग कंट्रोलर के उत्पीड़न को याद करते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के अध्यक्ष डॉ. साइरस पूनावाला ने मोदी सरकार की तारीफ में कसीदे गढ़े हैं। पूनावाला ने कहा है कि परिस्थितियाँ बदल गई हैं और अफसरशाही अब मौजूदा सरकार के कानूनों के अनुसार काम कर रही है। दरअसल, शुक्रवार (13 अगस्त 2021) को पूनावाला, पुणे के तिलक महाराष्ट्र विद्यापीठ में आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में वक्तव्य दे रहे थे। इस कार्यक्रम में उन्हें लोकमान्य तिलक ट्रस्ट द्वारा लोकमान्य तिलक नेशनल अवॉर्ड से नवाज़ा गया। इस कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए पूनावाला ने कहा कि आज से 50 वर्ष पूर्व वैक्सीन इंडस्ट्री को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। उन्होंने बताया कि लालफीताशाही इस सीमा तक हावी थी कि इजाजत लेने के लिए अफसरों और ड्रग कंट्रोलर के पैरों में गिरना पड़ता था। अपनी स्वर्गवासी पत्नी को अपना अवॉर्ड समर्पित करते हुए पूनावाला ने कहा कि 1966 में जब SII की स्थापना हुई थी तब अफसरों की इजाजत के साथ, बिजली और पानी जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। हालाँकि, उन्होंने बताया कि आज परिस्थितियाँ बदल चुकी हैं और सरकार के द्वारा वक़्त पर इजाजत के साथ पर्याप्त सहयोग भी मिल रहा है। मोदी सरकार की तारीफ करते हुए पूनावाला ने कि लालफीताशाही और लाइसेंसराज अब मोदी सरकार के कानूनों के भीतर आ चुके हैं और इसी बदलाव का नतीजा है कि SII की Covid-19 वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ जल्द लॉन्च हो सकी। उन्होंने कहा कि परिवहन और संचार भी बड़ी चुनौती हुआ करते थे और उन्हें स्वयं अफसरों और ड्रग कंट्रोलर्स के पैरों में गिरना पड़ा था, किन्तु अब एक ऐसा ड्रग कंट्रोलर है, जो ऑफिस खत्म होने के बाद भी काम करने के लिए तैयार रहता है और तत्काल प्रतिक्रिया भी देता है। पूनावाला ने कहा कि अब ‘मस्का पॉलिश’ का जमाना नहीं रहा। 920 स्थानों पर होगा सामूहिक राष्ट्रगान का आयोजन, भारतीय जनता युवा मोर्चा ने किया एलान टाटा मोटर्स ने अहमदाबाद में वाहन स्क्रैपिंग सुविधा को किया स्थापित सेंसेक्स में आया अब तक सबसे अधिक उछाल, जानिए क्या है निफ़्टी का हाल