'डोमेस्टिक फ्लाइट्स में कृपाण ले जा सकेंगे सिख..', मोदी सरकार के फैसले पर कोर्ट की मुहर

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार (22 दिसंबर) को भारत में हवाई यात्रा के दौरान विमान में सिखों को कृपाण ले जाने की इजाजत दिए जाने को सही ठहराया है। अदालत ने सिख यात्रियों को विमान में कृपाण ले जाने की इजाजत देने के लिए जारी अधिसूचना को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी है। याचिकाकर्ता हर्ष विभोर सिंघल ने कृपाण ले जाने की अनुमति दिए जाने को चुनौती देते हुए अदालत को बताया था कि सरकार ने विमान में सिख यात्रियों को कृपाण ले जाने की अनुमति देने का फैसला लेने के लिए न तो अपने विवेक का उपयोग किया और न ही सुरक्षा पहलुओं को ध्यान में रखा। 

बता दें कि, हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने गत सप्ताह सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। याचिका में केंद्र सरकार द्वारा 4 मार्च 2022 के उस नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई थी, जिसके तहत घरेलू उड़ानों में सिख यात्रियों को कृपाण रखने की इजाजत दी गई है। अदालत ने कहा कि सरकार के अधिसूचना में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है। इस अधिसूचना के माध्यम से सरकार ने कहा था कि सिख यात्रियों को भारत में सभी घरेलू उड़ानों में कृपाण ले जाने की अनुमति होगी। मगर कृपाण के ब्लेड 6 इंच से अधिक और कुल लंबाई 9 इंच से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। कृपाण पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका को खारिज कर दिया गया है। कमेटी के महामंत्री जगदीप सिंह काहलों ने जानकारी दी है कि जैसे ही गुरुद्वारा कमेटी को पता चला कि कृपाण को विमान में प्रतिबंधित किए जाने के लिए जनहित याचिका दाखिल की गई है, तो उसके खिलाफ कमेटी ने मजबूती से पैरवी करने का फैसला लिया।

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