जहां एक तरफ यूजर्स की लाइफ को टेक्नॉलजी, इंटरनेट और स्मार्टफोन ने आसान बनाया है, वहीं दूसरी तरफ इससे यूजर्स की प्रिवेसी और सिक्यॉरिटी के लिए भी खतरा बढ़ गया है. आए दिन नए-नए तरह से फ्रॉड और हैकिंग के किस्से सुनने को मिल रहे हैं. ऐसी ही एक नई हैकिंग के पता चला है, जिसमें यूजर्स के मोबाइल में लगे सिम कार्ड से डेटा की चोरी की जा रही है. हैकिंग के इस नए तरीके को Simjacker अटैक कहा जा रहा है. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से भारत में Xiaomi Redmi Note 8 Pro जल्द होगा पेश, ये है स्पेसिफिकेशन इनबिल्ट डाइनैमिक सिम टूलकिट S@T ब्राउजर का इस्तेमाल सिमजैकर अटैक में किया जाता है. यह एक खास तरह की टेक्नॉलजी है जिसे मोबाइल सिम कार्ड्स के लिए साल 2009 में इंट्रोड्यूस किया गया था. सिमजैकर अटैक हैकर्स को Denial of Service की आजादी देता है जिससे वे यूजर्स के कॉन्टैक्ट नंबर के जरिए ही निजी और गलत जानकारियों को लीक कर लेते हैं।एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस काम को सरकारी एजेंसियों के इशारे पर एक प्राइवेट कंपनी कर रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी एजेंसी सिमजैकर के जरिए 30 देशों के अरबों यूजर्स की जासूसी कर रही है. हालांकि, रिपोर्ट में सरकारी एजेंसी का नाम नहीं बताया गया है. इस अटैक की सबसे खतरनाक बात यह है कि यूजर्स को पता ही नहीं चलता कि उन पर और उनके डेटा पर कोई लगातार नजर रख रहा है. Helo App कर रहा हिंदी दिवस पर ख़ास काम, ये है पूरी डिटेल्स मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सिमजैकर अटैक से किसी भी ब्रैंड का डिवाइस सुरक्षित नहीं है. रिपोर्ट में इस बात की भी जानकारी दी गई है कि ऐपल, मोटोरोला, सैमसंग, गूगल, हुवावे और ZTE जैसी दुनिया की टॉप स्मार्टफोन कंपनियों के डिवाइस भी सिमजैकर अटैक का शिकार बन चुके हैं.इस अटैक को दो स्टेप में पूरा किया जाता है. पहले में यूजर्स के स्मार्टफोन में एक स्पाईवेयर कोड वाला एसएमएस सेंड किया जाता है और दूसरे में फोन में भेजे गए इस एसएमएस को फोन में मौजूद संवेदनशील डेटा को कलेक्ट करने का आदेश दिया जाता है. यह खेल हैकर्स दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर किसी भी डिवाइस और यूजर के साथ कर सकते हैं. इसमें चिंता की बात यह है कि यूजर्स को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं होता कि उनके डिवाइस के जरिए डेटा लीक हो रहा है. सिमजैकर अटैक के सफल होने के बाद हैकर्स यूजर्स के फोन में जबरदस्ती वायरस वाले सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल कर डेटा चोरी करने के साथ ही यूजर के फोन नंबर से ही उसे थर्ड पार्टी ऐप्स और कंपनियों के साथ शेयर करने लगते हैं. मलाला ने iPhone 11 Pro की डिजाइन के लिए मजे, फिर शुरू हुआ Memes का दौर आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अमेरिका, यूरोप, मिडिल-ईस्ट, पश्चिमी अफ्रीका में सिमजैकर अटैक की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई है. वहीं, इस अटैक के तरीके को देखकर यह कहा जा रहा है कि इससे पिछले दो सालों में दुनियाभर के करोड़ों यूजर को नुकसान पहुंचाया जा चुका है. रिपोर्ट में कहा गया है कि डिफेक्टिव सिम कार्ड यूज करने वाले यूजर्स को हर हफ्ते करीब 5 बार अटैक किया जाता है. साथ ही, सिमजैकर अटैक में हर हफ्ते एक यूजर पर औसतन 250 बार अटैक होता है.सिमजैकर अटैक की छानबीन और रोकथाम के लिए मोबाइल नेटवर्क इंडस्ट्री का नेतृत्व करने वाली कंपनियों को सूचना दे दी गई है. इसमें GSM Association और SIM Alliance भी शामिल हैं. नॉन-प्रॉफिट संस्थान सिम अलायंस ने कहा है कि मोबाइल्स को सेफ बनाने के लिए फोन पर आने वाले पुश मेसेजेस को रोकने के लिए जरूरी कदम उठा लिए हैं. Jio TV ने अपने क्रिकेट यूजर्स को दी बड़ी सौगात, भारत का ये मैच देखे लाइव Xiaomi Mi 9 Lite स्मार्टफोन में होगा पावरफुल कैमरा, इस दिन होगा लॉन्च Motorola One Macro स्मार्टफोन की लीक आई सामने, जानिए क्या होगा अलग