उज्जैन : सिंहस्थ 2016 के अंतिम शाही स्नान और पर्व के आखिरी स्नान को लेकर श्रद्धालुओं, साधु-संतों सभी में अपार उत्साह है। श्रद्धालु अमृत बूंदों का आनंद लेने के लिए बड़े पैमाने पर उमड़ रहे हैं। आज शाम से ही शहर में लोगों की आवाजाही बढ़ रही है। सिंहस्थ 2016 इस शाही स्नान के साथ अपनी पूर्णता की ओर होगा। इस दौरान शैव और वैष्णव अखाड़ों का स्नान इतिहास में दर्ज होकर अपने आप में एक अलग अध्याय निर्मित करेगा। तड़के 4 बज्रे शैव और वैष्णव अखाड़ों के साधु - संत, नागा साधु शिप्रा में डुबकी लगाऐंगे। यह दृश्य बेहद अलग होगा। यूं तो अखाड़ों का स्नान तड़के करीब 3 बजे से ही प्रारंभ हो जाएगा। सबसे पहले श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा स्नान करेगा इसके बाद क्रमवार अखाड़े के साधु संत स्नान करेंगे। प्रातः 7 बजे से प्रातः 11 बजे तक आम श्रद्धालु शिप्रा में डुबकी लगाकर पुण्यलाभ लेंगे। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी जी महाराज ने प्रशासन से अपील की है कि रात्रि 2 बजे से ही स्नान मार्ग की दुकानों को बंद रखा जाए। सिंहस्थ मेला कार्यालय में अखाड़ा परिषद और प्रशासन द्वारा बैठक आयोजित की गई। जिसमें यह तय किया गया कि अखाड़ों का स्नान तड़के 3 बजे से ही प्रारंभ हो जाए। साधु - संतों ने 30 मई तक अखाड़ों को मेला क्षेत्र में सुविधाऐं उपलब्ध करवाने की अपील भी की थी। परिषद की बैठक में यह तय हुआ कि महामंडलेश्वर अकेले स्नान करें। उल्लेखनीय है कि 9 मई को हुए शाही स्नान में महामंडलेश्वरों के साथ उनके अनुयायी भक्तों ने भी स्नान कर लिया था। जिसके कारण कुछ अव्यवस्था उत्पन्न हुई थी। तडके 3 बजे दत्तअखाड़ा घाट पर जूना अखाड़ा, आवाहन और अग्नि अखाड़ा स्नान करेंगे। इसके बाद अन्य अखाड़ों का क्रम आएगा।