दिल की बीमारियों का शिकार अब हर कोई हो रहा है। वह बुजुर्ग हो युवा पीढ़ी हो या अन्य सभी आजकल दिल की बीमारियों से लड़ रहे हैं। आप सभी को बता दें कि इन दिनों हार्ट अटैक के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं और यह सभी इस बात का सबूत है। हालांकि इन सभी के बीच वैज्ञानिकों ने अब एक ऐसा टेस्ट खोज निकाला है जिसकी मदद से लगभग तीन साल पहले ही हार्ट अटैक के जोखिम का पता लगाया जा सकता है। जी हाँ और इससे हार्ट अटैक से होने वाली मौतों का खतरा काफी हद तक कम हो सकेगा। आप सभी को बता दें कि वैज्ञानिकों ने हार्ट अटैक के पूर्व पीड़ितों के सी-रिएक्टिव प्रोटीन की जांच की है। इसका मतलब है कि एक ऐसा संकेत जो इंफ्लेमेशन के बारे में बताता है। केवल यही नहीं बल्कि उन्होंने ट्रोपोनिन का भी स्टैंडर्ड टेस्ट किया। यह वह प्रोटीन है जो हार्ट डैमेज होने पर खून में से निकलता है। सामने आने वाली रिपोर्ट यह बताती है कि NHS के करीब ढाई लाख रोगियों में जिनका सीआरपी लेवल बढ़ा हुआ था और ट्रोपोनिन टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे, उनमें तीन वर्ष में मौत की संभावना करीब 35 प्रतिशत थी। आप सभी को बता दें कि वैज्ञानिकों की इस खोज से सही समय पर मॉनिटरिंग और एंटी-इंफ्लेमेटरीज़ दवाओं की सलाह देकर लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है। केवल यही नहीं बल्कि इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के डॉ. रमजी खमीज ने बताया कि इस टेस्ट की खोज ऐसे समय पर हुई है जब अन्य टेस्ट से ज्यादा कमजोर लोगों में इसके खतरे की पहचान की जा रही है। इसके अलावा बताया जा रहा है इस स्टडी के लिए फंड जारी करने वाले ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के प्रोफेसर जेम्स लीपर ने कहा, 'यह डॉक्टर्स की मेडिकल किट में शामिल होने वाला एक बेशकीमती टूल है।' जी दरअसल एक स्टडी में पाया गया है कि दिन में करीब चार घंटे एक्टिव रहने से हार्ट डिसीज का खतरा 43 प्रतिशत तक कम हो जाता है। सूजन से लेकर पसीना आने तक यहाँ जानिए हार्ट अटैक के 7 लक्षण दिल का दौरा पड़ने पर करें यह काम तो बच जाएंगे आप 50 साल थी उम्र, नियमित करते थे व्यायाम, मंत्री गौतम रेड्डी के निधन से हर कोई हैरान