नई दिल्‍ली। आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2015-16 के लिए नए और सरल इनकम टैक्‍स रिटर्न (ITR) फॉर्म मंगलवार को नोटिफाई कर दिया. अब करदाता नए बदलावों के साथ आए ITR फॉर्म से रिटर्न जमा कर सकते हैं. इस साल "सरल" ITR फॉर्म में देरी के कारण इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की तारीख 1 महीने बढ़ाई है अब आयकरदाता 31 अगस्त तक रिटर्न जमा कर सकेंगे. सामान्य तौर पर 31 जुलाई तक रिटर्न भरने का समय मिलता है सरकार ने ITR फॉर्म 1, 2 और 4 S को पहले की तुलना में सरल बनाया है. जारी किए गए नए फॉर्म में इनकम टैक्‍स रिटर्न दाखिल करने वाले लोगों को विदेश यात्रा की जानकारी देना या उसके खर्च के बारे में बताना अनिवार्य नहीं होगा. नए IRT फॉर्म में करदाताओं को बैंक अकाउंट और IFSC कोड की जानकारी तो देनी होगी लेकिन अकाउंट में जमा राशि की जानकारी नहीं देनी होगी. वित्‍त मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, ITR फॉर्म में जहां तक बैंक खातों की जानकारी की बात है. तो इनकम टैक्‍स रिटर्न भरने वालों को उन सभी बचत और चालू खाते का अकाउंट नंबर और IFS कोड की जानकारी देनी होगी, जो पिछले साल कभी भी परिचालित किए गए हों. ITR-1 और ITR-4S व्‍यक्तिगत करदाता जो बिना किसी सीमा के आयकर में छूट के दायरे में आते हैं (5,000 रुपए से अधिक कृषि आय वाले करदाताओं को छोड़ कर) वे अब ITR-1 (सहज) फॉर्म भर सकते हैं। इसी तरह की सरलता व्‍यक्तिगत और हिंदू अविभाजित परिवारों के लिए ITR-4S में भी लाए जाने का प्रस्‍ताव है पिछले फार्म में क्या थी खामियां नए ITR फॉर्म के पिछले संस्करण में नए कॉलम जोड़कर जो भी जानकारियां मांगी गई थीं, उन्‍हें उपलब्‍ध कराना एक आम करदाता के लिए काफी मुश्किल था इसमें करदाताओं को पिछले साल खोले या बंद किए गए सभी बैंक खातों की जानकारी के साथ-साथ बैंक के नाम-पते, और IFSC कोड की भी जानकारी भी देनी होती थी. इसके अलावा, पिछले वित्‍त वर्ष के दौरान की गई विदेश यात्राओं और उसकी फंडिंग के स्रोत के बारे में भी जानकारी देनी थी. जो आयकरदाता के लिए एक सर दर्द जैसा था.