नई दिल्ली: एयर इंडिया को खरीदने के प्रयास में सिंगापुर एयरलाइंस टाटा ग्रुप के साथ नहीं होगी. टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया के लिए बोली लगाने के लिए सिंगापुर एयरलाइंस को अपने साथ लाने का प्रयास किया था. उसका इरादा दोनों के ज्वाइंट वेंचर विस्तारा के माध्यम से एयर इंडिया के लिए बोली लगाने का था. किन्तु अब खबरों के अनुसार, सिंगापुर एयरलाइंस इसके लिए तैयार नहीं दिखती. सिंगापुर एयरलाइंस ने इस डील के लिए टाटा ग्रुप को 'नॉन कंपीट' क्लॉज से मुक्त कर दिया था. किन्तु टाटा समूह चाहता था एयर इंडिया को खरीदने की डील में वह भी साथ आए. टाटा ग्रुप सिंगापुर एयरलाइंस के साथ अपने ज्वाइंट वेंचर विस्तारा के माध्यम से इस सौदे को हासिल करना चाहता था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिंगापुर एयरलाइंस शायद इसलिए इस सौदे में नहीं आना चाहती क्योंकि एयर इंडिया को लॉन्ग टर्म फंड की आवश्यकता है. एयर इंडिया की वित्तीय स्थिति बेहद खस्ता है. इसलिए सिंगापुर एयरलाइंस इस सौदे में टाटा ग्रुप के साथ आने में हिचक रही है. यदि सिंगापुर एयरलाइंस एयर इंडिया को खरीदने के लिए टाटा ग्रुप के साथ नहीं आती है, तो उसे एयर एशिया की अपनी इकाई से बोली लगानी पड़ सकती है. टाटा समूह ने इस यूनिट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी आरम्भ कर दी है. इससे एयर एशिया BHD की हिस्सेदारी इसमें कम हो रही है. इसके माध्यम से एयर इंडिया के लिए बोली लगाने में थोड़ी कानूनी बाधाएं आ सकती है, मगर टाटा ग्रुप इसे सुलझाने की कोशिश कर सकती है. बजट सत्र: वित्त मंत्री ने आज संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 को किया पेश एशिया-प्रशांत निजीकृत स्वास्थ्य सूचकांक में दसवें स्थान पर रहा भारत संसद का 'बजट सत्र' आज से, राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे 16 सियासी दल