नई दिल्ली: सिंगापुर ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) को पैसा देने के इल्जाम में इंडोनेशियाई मूल की तीन घरेलू सहायकों को कड़े सुरक्षा कानूनों के तहत गिरफ्तार किया है। उन पर कोई मामला नहीं चलाया गया है। सरकार ने कहा कि कथित तौर पर चरमपंथी बनाए गए विदेशी घरेलू सहायकों को गिरफ्तार करने की यह घटना यह दर्शाती है कि जिहादी लगातार हिंसक विचारधारा की अपील कर रहे हैं। गृह मंत्रालय ने कहा है कि तीनों घरेलू सहायक छह से 13 साल से सिंगापुर में काम कर रही थीं। वह गत वर्ष ऑनलाइन सामग्री देखने के बाद IS की समर्थक बन गई थी। उन्होंने IS के बम हमले, सिर कलम करने के वीडियो देखे थे। अनिंदिया अफियांत्री (33), रेत्नो हेनायानी (36) और 31 वर्षीय तुरमिनी IS का समर्थन करने वाली विचारधारा वाले विदेशियों से ऑनलाइन संपर्क में आईं। अधिकारियों ने बताया कि तीनों आरोपियों ने विदेशी संगठनों को आतंकवाद से जुड़े मकसदों, ISIS और JAD जैसे संगठनों की गतिविधियों के लिए धन भी मुहैया कराया। JAD इंडोनेशिया का आतंकी संगठन है जो IS का समर्थन करता है। महिलाओं को आंतरिक सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। यह कानून बगैर मुकदमे के दो वर्ष तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है। इस मामले से पहले, सिंगापुर में वर्ष 2015 से चरमपंथी बनाए गए 16 विदेशी घरेलू सहायकों की पहचान की गई है। China Open 2019: इस खिलाड़ी के हार के साथ ही भारतीय चुनौती खत्म World Championship : भारत के उप मुख्य कोच राधाकृष्णन नायर ने किया यह दावा आतंकवाद पर इमरान का बड़ा कबूलनामा, कहा- पाक आर्मी और ISI ने तैयार किए थे 'लादेन' के आतंकी`