रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी नेतृत्व समीक्षा मोड में आ गया है। 30 नवंबर को बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में कुल तीन बैठकें हुईं, जिनमें हारने वाले उम्मीदवारों और चुनाव प्रबंधन से जुड़े लोगों से चर्चा की गई। बीजेपी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने इन बैठकों की अध्यक्षता की। बैठक में उम्मीदवारों ने बताया कि "मैय्या योजना" ने चुनाव में उन्हें नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा, कुछ ने कहा कि पार्टी और सरकारी तंत्र से समर्थन की कमी ने भी उनकी हार में योगदान किया। एक प्रमुख चर्चा का विषय सीता सोरेन भी बनीं, जो इस बैठक में अनुपस्थित थीं। हालांकि, उनके समर्थकों ने बताया कि वह व्यक्तिगत काम से दिल्ली गई थीं और इसकी जानकारी पार्टी को दी थी। इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई, लेकिन ये चर्चाएं तेज हो गईं कि वह पार्टी में वापसी कर सकती हैं। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) छोड़ चुके कुछ नेताओं को पार्टी में वापस लाने का विचार हो सकता है, जिनमें चंपई सोरेन, लोबिन हेम्ब्रम और सीता सोरेन का नाम शामिल था। लेकिन लोबिन हेम्ब्रम ने मीडिया से कहा कि ऐसी चर्चाएं निराधार हैं और वह पार्टी में वापस नहीं लौटेंगे। पूर्व बसपा विधायक ताबिश और जमालुद्दीन ने किया 9 वर्षीय मासूम का बलात्कार, FIR दर्ज EVM पर भरोसा नहीं, तो इस्तीफा क्यों नहीं देते राहुल-प्रियंका..? भाजपा ने दागा सवाल आरक्षण के खिलाफ बोलना अपराध नहीं, SC-ST केस नहीं बनता- हाई कोर्ट का फैसला