नई दिल्ली: 16 दिसंबर 2012 को देश को दहला देने वाले निर्भया रेप कांड की आज छठवी बरसी हैं। जानकारी के अनुसार बता दें कि देश की राजधानी में हुए इस सामूहिक दुष्कर्म और हैवानियत ने देश की आवाम के साथ-साथ सियासत को भी हिलाकर रख दिया। यहां बता दें कि 16 दिसंबर को दिल्ली के मुनीरका में 6 लोगों ने चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा से गैंगरेप किया था। वहीं बता दें कि सामूहिक दुष्कर्म के बाद छात्रा के साथ दरिंदगी करने के बाद उसे सड़क पर फेंक दिया गया और उसके साथ उसके दोस्त को भी अधमरी हालत में सड़क पर पटककर दोषी फरार हो गए। विजय दिवस : 93 हजार पाक सैनिक का आत्मसमर्पण, हिन्दुस्तान की जीत और बांग्लादेश के उदय का दिन यहां बता दें कि क्षेत्र में जैसे ही ये खबर फैली, उसके साथ ही देश में गुस्सा और आक्रोश भी फैलता चला गया। यहां बता दें कि इस मामले में खासकर युवाओं के गुस्से ने दिल्ली की सियासत को भी गर्मा दिया था और फिर इसी का परिणाम था कि पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने की ताबड़तोड़ प्रयास शुरू कर दिए। दरअसल जनआक्रोश की आंधी देश के हर एक हिस्से में दिखाई दी। कहीं सड़कों पर लोग मोमबत्ती लेकर प्रदर्शन करते दिखाई देते तो कहीं महिला सुरक्षा को लेकर सख्त कानून की आवाजें बुलंद होने लगी। देश के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी जारी, माउंट आबू और फतेहपुर का तापमान माइनस में पहुंचा गौरतलब है कि देश की राजधानी में जंतर मंतर, इंडिया गेट और राजपथ पर स्थानीय लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया था। वहीं बता दें कि राजधानी में महिलाओं पर हाल में हुई बर्बर यौन उत्पीड़न की घटनाओं पर अगर नजर डाली जाए तो देश की अंतर्रात्मा को झकझोर देने वाले निर्भया सामूहिक बलात्कार कांड के करीब 6 साल बाद भी सड़कों पर महिलाएं असुरक्षित हैं। इसके अलावा बता दें कि सोलह दिसंबर मामले के बाद बड़े पैमाने पर जनाक्रोश पैदा हुआ था और इस साल पांच मई 2017 को इस घटना के चार आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई थी। खबरें और भी अब वोटर आईडी को आधार से जोड़ना होगा अनिवार्य केरल में युवती के ISIS में शामिल होने के बाद एक परिवार के दस लोग हुए लापता मध्यप्रदेश में अचानक बढ़ी ठंड का कारण तूफान पैथाल