इस साल महादेव की आराधना का महापर्व महाशिवरात्रि शिवयोग में मनाया जाने वाला है। आप सभी को बता दें कि यह चतुर्ग्रही योग भी बना रहा है। ऐसे में इस बार शिव और शक्ति के मिलन का यह पर्व फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी 01 मार्च,मंगलवार को मनाया जाएगा। आप सभी को बता दें कि शास्त्रों के अनुसार भगवान शंकर ही इस सम्पूर्ण चराचर जगत के आधार हैं अतः मनुष्य निष्काम हो या सकाम,सबको भगवान सदाशिव की आराधना करनी चाहिए। वहीं स्कंदपुराण के अनुसार हम आपको बताते हैं भोलेनाथ की क्या सेवा करने का क्या फल मिलता है? शिव आराधना के पुण्य लाभ- * जो मनुष्य शिव मंदिर के आंगन में झाड़ू लगाते हैं, वह निश्चय ही शिवजी के लोक में पहुंचकर सम्पूर्ण विश्व के लिए वंदनीय हो जाते हैं। * जो भगवान शिव के लिए दर्पण अर्पित करते हैं, वह मृत्युपरांत शिवजी के सम्मुख उपस्थित रहने वाले पार्षद होंगे। * जो भक्त देवादिदेव,शूलपाणि शंकर को चंवर भेंट करते हैं, वे तीनों लोकों में जहां कहीं भी जन्म लेंगे, उन पर चंवर डुलता रहेगा। * जो शिव की प्रसन्नता के लिए धूप निवेदन करते हैं धूप आरती करते हैं, वे पिता और नाना दोनों के कुल का कल्याण करते हैं। * जो लोग भगवान हरी-हर के सामने दीपदान करते हैं, वे भविष्य में तेजस्वी होते हैं और शिवलोक में स्थान पाते हैं। * जो भक्त शिवजी को नैवेद्य अर्पित करते हैं वे एक-एक ग्रास में सम्पूर्ण यज्ञ का फल पाते हैं। महाशिवरात्रि: महाकालेश्वर में आज से दुल्हा बनेंगे भोलेबाबा, लगेगा चंदन महाशिवरात्रि: आखिर क्यों श्मशान घाट पर रहते हैं भगवान शिव, जानिए पौराणिक कथा छत्रपति शिवाजी की जयंती पर हुआ 61 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण, जश्न में डूबा महाराष्ट्र