'राहुल गांधी मुर्दाबाद' के नारे. संभल जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जनता ने पीटा..! क्यों?

लखनऊ: संभल में हाल ही में हुई हिंसा के बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। प्रशासन ने 10 दिसंबर तक जिले में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई है, ताकि शांति बनी रहे। इसी बीच 4 दिसंबर 2024 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा करने की कोशिश की। प्रशासन ने उन्हें संभल जाने से रोक दिया और गाजीपुर बॉर्डर पर ही उनके काफिले को वापस लौटा दिया। 

 

इस वजह से दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया, जिसमें लोग घंटों फँसे रहे। इस जाम ने आम जनता की परेशानी बढ़ा दी। कई लोग मजबूरी में रोने लगे। 80 वर्षीय एसपी त्यागी, जो अपने भाई के अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे, ने कहा, "मैं एक घंटे से जाम में फँसा हूँ।" इसी तरह एक व्यक्ति अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका। नरेंद्र सिंह ने बताया कि वह अपनी बेटी को परीक्षा दिलाने मेरठ ले जा रहे थे, लेकिन जाम में फँस गए।  गुस्साई भीड़ ने राहुल गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर नाराजगी जाहिर की। इस दौरान कुछ जगहों पर लोगों ने "राहुल गांधी मुर्दाबाद" के नारे लगाए और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ झड़प भी हुई। स्थानीय लोगों ने कहा कि नेताओं की राजनीति के कारण उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है। 

 

राहुल गांधी ने इस घटना पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर लिखा, "पुलिस ने हमें संभल जाने से रोक दिया। विपक्ष के नेता के तौर पर यह मेरा अधिकार और कर्तव्य है कि मैं वहाँ जाऊँ। मैं अकेले जाने को भी तैयार था, लेकिन इसके लिए भी मना कर दिया गया। यह संविधान के खिलाफ है।" संभल के एसपी केके बिश्नोई ने बताया कि जिले में स्थिति अब शांतिपूर्ण है। प्रशासन ने बाहरी लोगों के प्रवेश पर 10 दिसंबर तक प्रतिबंध लगाया हुआ है और जनप्रतिनिधियों से सहयोग की अपील की है। 10 दिसंबर के बाद स्थिति की समीक्षा कर आगे का निर्णय लिया जाएगा।

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