नई दिल्ली: 1980 के बाद के दौर में कांग्रेस के पास मुस्लिम महिलाओं के लिए इन्साफ का अवसर उपलब्ध कराने का मौका था। हालांकि कांग्रेस के लिए वोट बैंक अधिक अहम था और महिलाओं को न्याय मिले यह आवश्यक नहीं था। एक साथ तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाए जाने की पहली वर्षगांठ के अवसर पर शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने यह बातें कहीं। 1980 के बाद के कालखंड में जब कांग्रेस के हाथों में देश की सत्ता थी, की याद दिलाते हुए स्मृति ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं का बेहतर जीवन पार्टी का ध्येय नहीं था। उस वक़्त उनके पास संख्या बल था, किन्तु उनके लिए वोट बैंक अधिक महत्वपूर्ण था, मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाना नहीं। एक साथ तीन तलाक के खिलाफ बनाए गए कानून की पहली वर्षगांठ के अवसर पर मुस्लिम महिलाओं को केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी तथा रविशंकर प्रसाद ने भी संबोधित किया। बता दें कि गत वर्ष संसद ने ट्रिपल तलाक बिल पारित किया था और केंद्र ने इसे मुस्लिम महिला अधिकार दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है। वहीं, भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने 'मुस्लिम महिलाओं के लिए जश्न-ए-आजादी के दिन की तरह पाक दिन' बताते हुए कहा कि पीएम मोदी 21वीं सदी के समाज सुधारक हैं। शाहनवाज ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं शाहबानो से लेकर सायरा बानो तक कई बरसों से तीन तलाक का दंश झेल रहीं थीं। किन्तु अब वे सम्मान और समानता के हक के साथ जीवन जी रही हैं। राम मंदिर पर फिर बोले दिग्विजय सिंह, कहा- 'सही मुहूर्त पर नहीं हो रहा भूमिपूजन' 8 दिन बाद बरामद हुई लापता वकील की लाश, प्रियंका बोलीं- यूपी में कंट्रोल से बाहर क्राइम सुशांत मौत मामले पर उद्धव ठाकरे ने तोड़ी चुप्पी, CBI जांच को लेकर कही बड़ी बात