कोलकाताः लोकसभा चुनाव में अमेठी से चुनाव जीतने वाली स्मृति ईरानी मोदी सरकार के लोकप्रिय चेहरों में शुमार हैं। तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जैसे कद्दावर नेता को हराने वाली स्मृति सुर्खईयों में छा गयी थीं। अमेठी गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है। स्मृति ईरानी ने अपने इस जीत पर बात करते हुए कहा कि उन्हें इस चुनाव में इसलिए जीत मिली क्योंकि उन्होंने नागरिकों को अपना वोट बैंक नहीं समझा। स्मृति कोलकाता में आयोजित देवी पुरस्कार के 17 वें संस्करण में बोल रही थी। स्मृति ने कहा कि जब लोग भूखे हों और आप उनकी बदौलत प्रधानमंत्री बन जाएं, तो ऐसी स्थिति में मैं खुद को सहज नहीं पाती हूं। मैंने पांच साल में उन्हें वोट बैंक नहीं समझा। इस दौरान मैं वास्तव में उनके साथ सहयोगी या परिवार के रूप में जुड़ी थी। इसी वजह से मुझे जीत मिली। उन्होंने गांधी परिवार का नाम लिए बगैर कहा, 'वह परिवार जो अमेठी की सीट पर पिछले पांच दशक से जीत रहा था। उसे 2019 के चुनाव में नहीं हारना चाहिए था।' साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वो राजनीति में किसी फिल्मी कलाकार की तरह एक्टिंग करने पर विश्वास नहीं रखतीं। स्मृति ने इस दौरान कहा कि वो अमेठी के 25 लाख जनता की समस्याओं को तलाशती हैं और पूरे उत्साह के साथ समाधान के लिए काम करती हैं। स्मृति ईरानी 2014 में भी वहां से लड़ी थीं और राहुल गांधी को कड़ी टक्कर दी थी। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बड़ा बयान, कहा- नई तकनीक के प्रयोग से केवल गायों का जन्म होगा सीएम योगी के सख्त निर्देश, कहा - गणेश चतुर्थी और मोहर्रम को लेकर सतर्क रहे प्रशासन एनआरसी से ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन खफा, किया यह फैसला