बीजापुर: बस्तर के जंगल से बेशकीमती इमारती लकड़ी सागौन की लगातार तस्करी जारी है। जानकारी के अनुसार बता दें कि यहां से तेलंगाना तक लठ्ठों को ले जाने के लिए तस्कर नदी का सहारा ले रहे हैं। वहीं बता दें कि तेज बहाव वाली इंद्रावती नदी में तस्कर लठ्ठों को सीमा पार तक ले जा रहे हैं। सोमवार को बीजापुर जिले में वन विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए कुल 86 नग सागौन के गोले जब्त किए। वहीं इनकी अनुमानित कीमत 8 लाख रुपए बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि मौके से तस्कर फरार हो गए। सबरीमाला: निलक्कल कैंप से किया गया भाजपा नेता को गिरफ्तार यहां बता दें कि देश में सागौन की तस्करी भी जोरों पर हो रही है। तस्कर लकड़ी को बहुत सरलता से निकालकर ले जाते हैं। वहीं बता दें कि सामान्य वन मण्डल और इंद्रावती प्रोजेक्ट कर्मचारियों को जानकारी मिली कि इंद्रावती नदी के सहारे तस्कर बड़ी मात्रा में सागौन के लठ्ठों का परिवहन कर रहे हैं। वहीं भोपाल पटनम परिक्षेत्र तिमेड घाट के पास पहुंची टीम की भनक लगते ही तस्कर वहां से भाग खड़े हुए। साथ ही टीम ने मौके से लठ्ठे जब्त किए बता दें कि इस कार्रवाई में तीन कर्मचारियों को चोटें भी आई हैं। वन अमला अब तस्करों की तलाश में जुटा हुआ है। 2002 गुजरात दंगा: सुप्रीम कोर्ट में जाकिया जाफरी की याचिका पर सुनवाई आज गौरतलब है कि बीजापुर, दंतेवाड़ा, बारसूर इलाके में कई वर्षों से इस तरह से इमारती लकड़ियों की तस्करी हो रही है। तस्कर इन लठ्ठों को काटकर नदी की धार के साथ बहा देते हैं और राफ्ट नुमा छोटी नाव का सहारा लेकर इसे तेलंगाना सीमा के पार तक ले जाते हैं। समय-समय पर वन विभाग की टीम कार्रवाई भी करती है, लेकिन इस पर लगाम नहीं लग पा रही है। तस्करों की वजह से इमारती लकड़ियों वाला घना जंगली इलाका अब धीरे-धीरे उजाड़ हो रहा है। खबरें और भी राधे मां की जूना अखाड़े में वापसी और महामंडलेश्वर की पदवी से गर्माया विवाद आयकर ने नीरव मोदी के फर्जीवाड़े का पहले ही कर दिया था खुलासा राज ठाकरे ने कहा उत्तर भारतीय अपने नेताओं से सवाल पूछें