इन नाग मंदिरों के दर्शन से दूर होता है कालसर्प

सावन महीने में आने वाली नागपंचमी सांपो को समर्पित हैं, इस त्यौहार पर नाग देवता की विशेष पूजा की जाती है. इस साल नागपंचमी 15 अगस्त को आ रही है. गौरतलब है कि सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित हैं और इस दौरान उनका ख़ास तरीके से अभिषेक किया जाता है और इस महीने में नागपंचमी के दिन सांपो की विशेष पूजा से भगवान शिव अधिक प्रसन्न होते हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं भारत के ऐसे प्रसिद्ध मंदिरो के बारे में जिनके दर्शन से कुंडली का कालसर्प दोष दूर हो जाता है अगर आप इन मंदिरों में नागपंचमी के दिन दर्शन करेंगे तो आपको अधिक लाभ होगा.

नागचंद्रेश्वर मंदिर :

इस मंदिर की मान्यता हैं कि यहां सिर्फ साल में एक बार नागपंचमी के दिन नाग देवता दर्शन देते हैं. यहां मंदिर बारह ज्योर्तिलिंगों में एक महाकाल मंदिर के परिसर में स्थित हैं. नागपंचमी के दिन इस मंदिर में जाने से कालसर्प दोष दूर हो जाते हैं.

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नाग वासुकि मंदिर :

यह मंदिर उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में गंगा तट पर स्थित है, इस मंदिर में नाग देवता के साथ-साथ गणेश, पार्वती और भीष्म पितामाह की एक मूर्ति हैं. खास बात यह है कि नागपंचमी के दिन इस मंदिर में मेला लगता है. इस मंदिर में जाने से भी कालसर्प दोष दूर होता हैं.

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मुखेम नागराजा मंदिर :

उत्तराखंड के टिहरी में स्थित है सेम-मुखेम नागराजा मंदिर प्रसिद्ध मंदिर में से एक है. ऐसा कहा जाता है कि द्वारिका नगरी डूबने के बाद भगवान श्रीकृष्ण यहां नागराज के रूप प्रकट हुए थे. इस मंदिर में जाने से भी कालसर्प दूर हो जाते हैं.

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