लखनऊ: आज डिजिटल युग में लोग Amazon, Snapdeal और Flipkart जैसे ई-कामर्स वेबसाइट्स पर सस्ती चीज़ें खरीदने के लिए जाते हैं, किन्तु यहाँ पर गीताप्रेस की धार्मिक पुस्तकों के साथ उल्टा ही हो रहा है। दरअसल, गीताप्रेस की पांच-दस रुपये वाली पुस्तकें, इन वेबसाइट्स पर 20 गुना अधिक कीमत के साथ 250 से 300 रुपये में बेची जा रही हैं। ग्राहकों को आकर्षित और भ्रमित करने के लिए तीन-चार पुस्तकों का कांबो ऑफर भी दिया जा रहा है, जिसमें सभी पुस्तकों की कीमतें, उनकी वास्तविक कीमतों कई गुना ज्यादा हैं। बता दें कि मुनाफाखोरी का यह गोरखधंधा उस विश्वस्तरीय धार्मिक संस्था के साथ हो रहा है, जो खुद सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करने हेतु अपनी पुस्तकों को लागत से 30-60 फीसद कम दाम पर बेचता है। राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार में नगरीय विकास के विशेष सचिव डा राजेन्द्र पेंसिया ने ई-मेल भेजकर गीताप्रेस प्रबंधन को इससे अवगत कराया, तो गीता प्रेस प्रबंधन ने इन कंपनियों काे पत्र लिखकर इसे रोकने की मांग की। ISS अधिकारी डा राजेंद्र पेंसिया ने अपने ई-मेल में कहा है कि गीताप्रेस से प्रकाशित 'किसान और गाय' पुस्तक को उन्होंने अमेजन पर 47 फीसद छूट के बाद 75 रुपये में आर्डर किया है। वेबसाइट पर उस किताब की कीमत 159 रुपये बताई गई थी, जबकि पुस्तक पर अधिकतम मूल्य पांच रुपये दर्ज है। उन्होंने गीताप्रेस प्रबंधन से इस पर ध्यान देने का अनुरोध किया है। एक अन्य सुधी पाठक पीयूष ने भी गीताप्रेस प्रबंधन को पत्र भेजते हुए इसकी जानकारी दी है। उन्होंने ई-कामर्स कंपनियों पर श्रीकृष्ण माधुरी, श्रीहनुमान चालीसा जैसी पुस्तकों के कई गुना ज्यादा कीमत पर बेचे जाने का स्क्रीनशाट पर भी मुहैया कराया है। बताया कि किस प्रकार से 15 रुपये की हनुमान चालीसा 30 फीसद रियायत दिखाकर 279 रुपये में बेची जा रही है। गीता प्रसाद ने जताया विरोध :- गीता प्रेस प्रबंधन ने Flipkart, Snapdeal व Amazon के प्रबंध तंत्र को 16 अगस्त को पत्र लिखते हुए अपनी शिकायत दर्ज कराई है। इसमें लिखा गया है कि कुछ शरारती व स्वार्थी विक्रेता आपके प्रतिष्ठित आनलाइन व्यावसायिक प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर गीताप्रेस के निष्ठावान व समर्पित पाठकों को धोखा दे रहे हैं। प्लेटफार्म पर गीताप्रेस से प्रकाशित बड़ी तादाद में पुस्तकें बिक्री के लिए प्रदर्शित की गई हैं, जिनका दाम, प्रिंट मूल्य से काफी अधिक रखा हुआ है और बड़ी छूट भी दी जा रही है। जबकि हमारे पाठक इन पुस्तकों के अधिकतम खुदरा मूल्य पर यकीन करते हैं और किताबों को उसी मूल्य पर हमारी शाखाओं व स्टालों से प्राप्त कर सकते हैं। किताबों का मूल्य आप गीताप्रेस की वेबसाइट www.gitapress.org पर कैटलाग में जाकर सत्यापित कर सकते हैं। उम्मीद है कि आप ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। मोदी सरकार ने 8 यूट्यूब चैनलों पर लगाया बैन, भारत के खिलाफ फैला रहे थे फर्जी ख़बरें यूपी: खुदाई के दौरान निकली भगवान विष्णु की अति प्राचीन प्रतिमा, दर्शन के लिए उमड़ा हुजूम शाहजहांपुर: दहेज़ हत्या मामले में सजा काट रहे कैदी ने जेल में की ख़ुदकुशी