मध्यप्रदेश के देवास ज़िले में मौजूद है गंधर्वसेन मंदिर, जहां हर दिन एक चमत्कार होता है. गंधर्वपुरी के इस गंधर्वसेन मंदिर के गुंबद के नीचे एक ऐसा स्थान है, जहा बिलकुल बीच में विराजते हैं पीले रंग के इच्छाधारी नाग, जिनके चारों ओर दर्जनों चूहे परिक्रमा करते हैं. इस गांव के लोग इसे नागराज का ‘चूहापाली’ स्थान कहते हैं जो हज़ारों साल पुराना है. कहते है कि चूहापाली में पीले रंग का इच्छाधारी नाग रहता है, जो हज़ारों साल पुराना है, जिसके दर्शन सिर्फ किस्मतवालों को ही नसीब होते हैं. मंदिर के आस-पास रहनेवाले लोग बताते हैं कि अक्सर ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर से घंटियों की आवाज़ आती है. खासकर अमावस्या और पूर्णिमा के दिन जब मंदिर का ताला खोला जाता है तब मंदिर एकदम साफ सुथरा मिलता है, जिसे देखकर ऐसा लगता है जैसे मंदिर खुलने से पहले किसी ने पूजा की हो. यहां के लोग बताते हैं कि चूहापाली में चूहों के बीच विराजनेवाले नागराज वर्षों से इस गांव के लोगों की रक्षा करते आ रहे हैं. नागराज की शरण में आनेवाले भक्तों का हर दुख मिट जाता है और उन्हें शांति का अनुभव होता है. एक ऐसा मंदिर जहाँ दर्शन करने से बन जाते है पत्थर