लद्दाख प्रशासन का बड़ा फैसला, हिम तेंदुए को राज्य पशु और काली गर्दन वाली क्रेन को किया राज्य पक्षी घोषित

श्रीनगरः जम्मू और कश्मीर प्रदेश के पुनर्गठन के तकरीबन दो वर्ष पश्चात् लद्दाख के प्रशासन ने हिम तेंदुए को राज्य पशु तथा काली गर्दन वाली क्रेन को केंद्र शासित राज्य के लिए राज्य पक्षी घोषित किया गया है। इस सिलसिले में केंद्र शासित प्रदेश के वन, पारिस्थितिकी तथा पर्यावरण द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई थी। "केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के माननीय उपराज्यपाल को "हिम तेंदुआ" (पैंथर यूनिका) तथा "ब्लैक-नेकेड क्रेन" (ग्रस निक्रिकोलिस) को क्रमशः केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का प्रदेश पशु तथा प्रदेश पक्षी घोषित करते हुए ख़ुशी हो रही है। 

वही इस अधिसूचना के जारी होने की दिनांक से यह अधिसूचना लागू होगी। काली गर्दन वाला सारस, जो कि तत्कालीन प्रदेश जम्मू-कश्मीर का प्रदेश पक्षी भी था, भारत में सिर्फ लद्दाख में पाया जाता है। काली गर्दन वाली क्रेन "कमजोर" के तौर पर वर्गीकृत एक लंबा पक्षी है। इसकी ऊंचाई तकरीबन 1।35 मीटर है, पंखों का फैलाव करीब 2-2।5 मीटर है तथा इसका वजन तकरीबन 6-8 किलोग्राम है! इसके सिर पर एक चमकीला लाल मुकुट है। सामान्य रूप से जोड़ियों में देखा जाता है, उनके प्रेमालाप नृत्य ने लद्दाख के लोकप्रिय लोक नृत्यों में से एक - चार्ट्स को प्रेरित किया है।

वही पश्चिमी एवं पूर्वी हिमालय का पहाड़ी इलाका भारत में हिम तेंदुओं का निवास स्थान है। वे मुख्य तौर पर लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम तथा अरुणाचल प्रदेश में पाए जाते हैं। यह उल्लेख करना उचित है कि हंगुल पूर्ववर्ती प्रदेश जम्मू और कश्मीर का प्रदेश पशु था जिसमें लद्दाख भी सम्मिलित था।

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