आखिर क्यों लगातार 3 दिन बुखार आने का अर्थ कोरोना के लक्षण होते हैं?

COVID-19 वायरस से संक्रमित मरीजों के आँकड़े में बड़ी तेजी से वृद्धि हो रही है। इस वायरस को हराने के लिए पुरे विश्व में युद्धस्तर पर कोशिश जारी है। हालांकि, अब तक विश्वसनीय पराजय नहीं मिल पाई है। साथ-साथ कई रिसर्च COVID-19 विषय पर किए जा रहे हैं, जिनमें COVID-19 से बचने के ढंग पर खास बल दिया जा रहा है। इस प्रक्रिया में एक रिसर्च से खुलासा हुआ है कि COVID-19 के लक्षण क्रमबद्ध तथा चरणबद्ध ढंग से दिखाई दे सकते हैं। वही ये रिसर्च दक्षिण कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने की है.

वही इस रिसर्च से पता चला है कि कोरोना के मरीजों में सबसे पूर्व बुखार के लक्षण पाए जाते हैं। जबकि अन्य लक्षण वक़्त के साथ पनपते रहते हैं, जिनमें फ्लू भी सम्मिलित हैं। इसके लिए दक्षिण कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने चीन के कोरोना से संक्रमित 55,000 मरीजों की हेल्थ रिपोर्ट पर स्टडी की। इन मरीजों की पुष्टि विश्व स्वास्थ्य संगठन की संख्या से हुई है। वही शोधकर्ताओं ने दिसंबर तथा जनवरी में दर्ज कोरोना के 1100 केसों पर भी गंभीरता से स्टडी की। जबकि इन आंकड़ों की अपेक्षा उत्तरी अमेरिका और यूरोप में दर्ज किए गए 2000 से ज्यादा इन्फ्लुएंजा केसों से भी की। इस रिसर्च से पता चला कि अधिकांश केसों में संक्रमित मरीजों में सबसे पूर्व फीवर के लक्षण पाए गए हैं।

साथ ही शोधकर्ताओं ने उन तथ्यों का खंडन किया है, जिनमें कहा जाता रहा है कि कोरोना के प्रथमिक लक्षण फ्लू हैं। इस बारे में रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया है कि WHO के आंकड़ों पर ध्यान दे, तो पता चलता है कि बुखार के लक्षण सबसे ज्यादा पाए गए हैं। जून माह में 55,924 प्रयोगशालाओं के 87.9 प्रतिशत केसों में बुखार के लक्षण पाए गए हैं। रिसर्च में यह भी पाया गया है कि परिवर्तित होते मौसम में होने वाले फ्लू में पहले सर्दी-खांसी लगती है।  

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