जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की जमकर आलोचना की। उन्होंने कांग्रेस पर समाज को बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश के गरीबों का भारत के संसाधनों पर सबसे बड़ा हक़ होना चाहिए क्योंकि वे आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा हैं, खासकर बिहार में नीतीश कुमार सरकार द्वारा आयोजित जाति जनगणना परिणामों के जवाब में, जो विपक्ष के INDIA गठबंधन का हिस्सा है। प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में भाजपा की 'परिवर्तन संकल्प रैली' को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने NDMC के इस्पात संयंत्र सहित राज्य में 26,000 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाएं शुरू कीं। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस नेता कहते रहे हैं कि, "जितनी आबादी, उतना हक" (किसी समुदाय की आबादी के आधार पर अधिकारों की राशि)। मेरे लिए देश की सबसे बड़ी आबादी गरीबों की है और उनका कल्याण ही मेरा उद्देश्य है।' पीएम मोदी ने कहा कि, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह कहते थे कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है, अब उनकी ही पार्टी कांग्रेस कह रही है कि आबादी तय करेगी कि पहला अधिकार किसका होगा। तो क्या अब कांग्रेस अल्पसंख्यकों के अधिकार कम करना चाहती है? तो क्या बहुसंख्यक आबादी के हिसाब से कांग्रेस अल्पसंख्यकों के अधिकार छीन रही है और क्या बहुसंख्यक हिंदुओं को उनके पास जाकर अपना अधिकार मांगना चाहिए? पीएम मोदी ने इसके पीछे की पूरी रणनीति समझते हुए कहा कि, 'पूरी कांग्रेस हिंदुओं को बांटकर और समाज में भेदभाव बढ़ाकर देश को बर्बाद करना चाहती है। उन्होंने देश को गरीबी के अलावा कुछ नहीं दिया है।' पीएम मोदी ने कहा कि, 'कांग्रेस को अब उसके लोग नहीं चला रहे, उसके बड़े नेताओं ने अपना मुंह बंद कर लिया है और कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस को आउटसोर्स कर दिया गया है, कुछ लोग पर्दे के पीछे से इसका शो चला रहे हैं। ये लोग भारत विरोधी ताकतों से मिले हुए हैं। कांग्रेस किसी भी कीमत पर हिंदुओं को बांटकर देश को बर्बाद करना चाहती है। कांग्रेस गरीबों को बांटना चाहती है। वे (कांग्रेस) सत्ता खोने से इतने चिंतित हैं कि उनके पास यहां आने का समय नहीं है। वे केवल अपनी सरकार बचाने के लिए समर्पित हैं। कोई भी भ्रष्टाचारी व्यक्ति मोदी से आंख नहीं मिला सकता, इसलिए वे यहां आने से डरते हैं। बता दें कि, तमाम विपक्षी दल, धार्मिक आधार पर बहुसंख्यकों (हिन्दुओं) के नहीं, बल्कि अल्पसंख्यकों को अधिकार देने की वकालत करते रहे हैं, लेकिन जाति आधार पर वे बहुसंख्यकों का समर्थन कर रहे हैं। सवाल इसी दोहरे रवैये पर है, यदि सचमुच जिसकी जितनी आबादी उतनी हिस्सेदारी होनी है, तो भारत की 80 फीसद हिन्दू आबादी को उसकी हिस्सेदारी दो, लेकिन, आज तक कांग्रेस केवल अल्पसंख्यकों की राजनीती करती आई है। और अब जब जातिगत जनगणना में बहुसंख्यक वर्ग (हिन्दू) को जातियों में तोड़ने के बाद उसमे से बड़ा टुकड़ा (OBC) वर्ग के रूप में बड़ा वोट बैंक नज़र आ रहा है, तो आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी देने की बात की जा रही है, हालाँकि, OBC को उसकी आबादी के अनुसार हक मिलेगा भी या नहीं, ये एक बड़ा सवाल है, क्योंकि राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग (NCBC) के आंकड़े बताते हैं कि, OBC आरक्षण में हिन्दू OBC के बजाए दूसरे धर्मों की जातियों को OBC में शामिल कर उन्हें आरक्षण का बड़ा लाभ दिया जा रहा है, हिन्दू OBC को काफी कम में गुजारा करना पड़ रहा है, यही बिहार की जनगणना में भी हुआ है, उसमे भी जो 63 फीसद OBC हैं, उसमे सभी धर्मों के OBC शामिल हैं, अब बाकी धर्म के लोग तो अल्पसंख्यक भी हैं। यानी, दूसरे धर्म के OBC लोगों को अल्पसंख्यक और OBC आरक्षण दोनों लाभ मिलेंगे, वहीं हिन्दू OBC को उसका ही पूरा हक मिलेगा या नहीं, कुछ स्पष्ट नहीं । 'जिसकी जितनी आबादी, उसके उतने अधिकार..', बिहार की जातिगत जनगणना पर राहुल गांधी का बयान, दिए ये तर्क जिस NewsClick पर चीन से पैसे लेकर 'भारत विरोधी' प्रोपेगेंडा फ़ैलाने का आरोप, उसके बचाव में उतरी कांग्रेस ! मणिपुर में किसने फैलाया था 'नफरत' का केरोसिन, कैसे रचा गया पूरा प्रोपेगेंडा ? महीनों बाद ख़ुफ़िया एजेंसियों के हाथ लगा सबसे बड़ा सबूत