नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में इस समय 'पॉवर की लड़ाई' का दिलचस्प खेल चल रहा है। सर्वोच्च न्यायालय में जीत मिलने के बाद दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने जिस अफसर को कामकाज से रोक दिया था, उसे एक बार फिर अपना पद मिल गया है। दरअसल, केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को पलट दिया है और इसके बाद विजिलेंस के चीफ वाईवीवीजे राजशेखर को उनका पद और काम वापस मिल गया है। दरअसल, केजरीवाल सरकार ने भ्रष्टाचार के इल्जाम लगाकर राजशेखर से पूरा काम छीन लिया था और उनके कार्यालय तक को सील कर दिया गया था। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि, राजशेखर वही अफसर हैं, जो सीएम केजरीवाल के आधिकारिक सरकारी आवास की साजसज्जा पर खर्च हुए 45 करोड़ रुपए वाले मामले की जांच कर रहे हैं। बता दें कि, यह ऑपरेशन शीशमहल वाला मामला भी बेहद पेचीदा है, मीडिया के स्टिंग में केजरीवाल के घर पर 45 करोड़ खर्च होने का दावा किया जा रहा है, वहीं कांग्रेस नेता अजय माकन कह रहे हैं कि, इसमें कुल 171 करोड़ खर्च हुए हैं। उनका कहना है कि, केजरीवाल ने अपने बंगले को विस्तार देने के लिए जो आसपास के अधिकारीयों को घर खाली करवाए हैं, उनका खर्च इसमें क्यों नहीं जोड़ा गया है। माकन ने इस संबंध में LG को लिखित शिकायत भी दी है, ऐसे में यह मामला बेहद संवेदनशील हो गया है। अब केंद्र सरकार द्वारा कामकाज वापस मिलने के बाद उन्होंने फाइलों को पलटना शुरू कर दिया है और सबसे पहले इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या उनके हटने और वापस आने के बीच इन फाइलों के साथ छेड़छाड़ की गई है? राजशेखर ने सबूतों से छेड़छाड़ किए जाने की आशंका जताते हुए अपने उच्च अधिकारियों से शिकायत की थी। अधिकारियों के अनुसार, सोमवार (22 मई) को दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने एक आदेश जारी किया, जिससे विशेष सचिव का पद रखने वाले राजशेखर को अपना काम पहले की तरह जारी रखने की इजाजत मिल गई। उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना की तरफ से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि निदेशालय के अतिरिक्त निदेशक राजशेखर 10 मई की तरह अपने काम को आगे बढ़ा सकते हैं। बता दें कि, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केजरीवाल सरकार को पॉवर देते ही 13 मई को AAP के सेवा मंत्री सौरभ भारद्वाज ने राजशेखर से पूरा कामकाज छीन लिया था और इसे असिस्टेंट डायरेक्टर्स में बांट दिया था। दरअसल, 11 मई के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसफर-पोस्टिंग सहित सेवा मामलों से जुड़े सभी कामकाज पर दिल्ली सरकार का कंट्रोल बताया था। वहीं, जमीन, पुलिस, और पब्लिक ऑर्डर के अलावा सभी विभागों के अफसरों पर केंद्र सरकार को कंट्रोल दिया गया था। ये पॉवर मिलते ही, केजरीवाल सरकार ने दिल्ली सचिवालय में स्पेशल सेक्रेट्री विजिलेंस के आधिकारिक चैंबर 403 और 404 का सील हटाने को फरमान सुना दिया। अधिकारियों के अनुसार, राजशेखर ने उनके दफ्तर में घुसकर शराब घोटाले और सरकारी बंगले पर खर्च से संबंधित फाइलों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, जिसके बाद इन्हें सील कर दिया गया था। वरिष्ठ अधिकारियों से कार्रवाई की मांग करते हुए राजशेखर ने यह भी आशंका जताई थी कि कमरों में 'बग' लगा दिए गए होंगे और इससे गोपनीयता भंग हो सकती है। इसके बाद अफसर राजशेखर ने दिल्ली पुलिस को सूचना देने के साथ शिकायत की कॉपी केंद्रीय गृह मंत्रालय और LG ऑफिस को भी भेज दी है। काम संभालते ही राजशेखर ने फाइल्स की इनवेंट्री बनाने का आदेश दिया, जिसमें उनके कार्यालय और गोपनीय हिस्से में रखे फाइल्स के पेजों की गिनती भी शामिल है। इस बीच दिल्ली पुलिस ने भी राजशेखर की शिकायत पर पड़ताल शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने जानकारी दी है कि दोनों कमरों के बाहर कॉरिडोर और अन्य हिस्सों में लगे CCTV के फुटेज खंगाले जा रहे हैं। एक अधिकारी ने मीडिया को बताया है कि, 'CCTV में हम देख सकते हैं कि बहुत सारे लोग कॉरिडोर में फाइलों के लेकर घूम रहे हैं। फुटेज की बारीकी से जांच की जा रही है। यह संवेदनशील मामला है और हम इसकी छानबीन कर रहे हैं।' बता दें कि, यह CCTV फुटेज उस समय का है, जब केजरीवाल सरकार द्वारा हटाए जाने के बाद राजशेखर अपने दफ्तर में नहीं थे। बैंगलोर, मुरादाबाद, मुंबई, मेरठ में दंगे हुए, इन सबकी जिम्मेदार कांग्रेस - मौलाना मदनी का बड़ा दावा हिंदुस्तान के हर राज्य में फैला आतंकवाद! अब गुजरात से पकड़ाया अल कायदा का मॉड्यूल, 4 बांग्लादेशी आतंकी गिरफ्तार आखिर शाहरुख़ खान की चैट में ऐसा क्या था ? जिसे सार्वजनिक करने पर समीर वानखेड़े को हाई कोर्ट ने लगाई फटकार !