भारत में इस समय चैत्र नवरात्रि चल रही है, जिसमे सभी लोग माता की भक्ति में डूबे हुए है. इस वर्ष नवरात्रि 8 दिनों की ही है, जिसमे अष्टमी व नवमी एक ही दिन 25 मार्च को है. माना जाता है कि चैत्र नवरात्रि माता के पूजन का विशेष दिन होता है, जिसमे माता के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. हर वर्ष चैत्र नवरात्रि में नवमी के दिन भगवान राम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है, जो हर वर्ष शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन आता है. लेकिन इस वर्ष 8 दिनों के नवरात्रे होने से पंचांग के अनुसार नवमी तिथि का क्षय हो गया है. इसका अर्थ यह है कि इस वर्ष चैत्र शुक्ल नवमी तिथि मान्य नहीं होगी, इसका मुख्य कारण यह है कि इस वर्ष अष्टमी 24 तारीख को 10 बजकर 6 मिनट पर प्रारंभ हो रही है तथा यह अगले दिन यानी 25 तारीख को 8 बजकर 3 मिनट तक ही चलेगी. इसका अर्थ यह है कि 26 तारीख को सूर्योदय के समय दशमी तिथि रहेगी जिसकी वजह से नवमी तिथि को सूर्योदय नहीं मिलेगा इसी कारण से इस बार नवमी तिथि का क्षय हो गया है. अब सवाल यह आता है कि फिर राम नवमी किस प्रकार मनाई जायेगी? इस विषय में वामन पुराण में कहा गया है कि चैत्र शुक्ला तु नवमी पुनर्वसु युता यदि। सैव मध्याह्नयोगेन महापुण्यफल प्रदा। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि 'अष्टमी नवमी युक्ता, नवमी च अष्टमीयुतेति।।' इन सबका अर्थ यह हुआ इस वर्ष पुनर्वसु नक्षत्र लगने वाला है, जो महापुण्यदायी होता है, जो 25 तारख को 2 बजकर 21 मिनट पर उदित होगा. इसी समय रामनवमी का पूजन किया जाएगा व 25 तारीख को ही रामजन्मोत्सव भी मनाया जाएगा. चैत्र नवरात्री 2018 : नवरात्र‍ि में आदिशक्ति रहती हैं धरती पर घर की गरीबी दूर करने के लिए नवरात्र के शुक्रवार को करें ये उपाय व्रत में खाने के लिए बनाये कच्चे केले के चिप्स रामनवमी 2018: पूजा का शुभ मुहूर्त इन चीजों का लगाएं भोग