नई दिल्ली: एक और 8 सितंबर गुजर गया और साथ ही गुजर गई इंदिरा गांधी के पति फिरोज गाँधी की एक और पुण्यतिथि। इस बार भी वही हुआ जो हर बार होता है। कांग्रेस तो छोड़िए, फ़िरोज़ गांधी को उनके पोते राहुल गाँधी और पोती प्रियंका गाँधी वाड्रा तक ने याद नहीं किया। राहुल-प्रियंका ने फिरोज गाँधी की समाधि पर जाना तो दूर, ट्वीट के जरिए भी उन्हें श्रद्धांजलि नहीं दी। राहुल तो जहां 8 सितंबर को पूरे दिन ट्विटर से गायब रहे। वहीं प्रियंका वाड्रा ने ट्विटर पर संगीत सम्राट भूपेन हजारिका को उनकी जयंती पर याद किया, किन्तु अपने दादा को याद करना शायद उन्होंने उचित नहीं समझा। ऐसे ही राहुल ने भी फेसबुक पर भूपेन हजारिका को याद किया है, लेकिन फिरोज गाँधी पर कोई पोस्ट नहीं है। इस बीच कई सोशल मीडिया यूजर्स दोनों भाई-बहन को याद दिलाते रहे कि आज उनके दादा की पुण्यतिथि है, वो उन्हें भी कुछ याद कर लें। लोगों ने फिरोज गाँधी का यह अपमान देखते हुए कहा कि जो लोग अपने पूर्वजों के नहीं हुए वो देश के क्या होंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी के पूर्व महासचिव इरशाद उल्लाह बताते हैं कि लगभग वर्ष 2007 और उसके बाद 2009 में राहुल और सोनिया गाँधी समाधि पर आए थे, किन्तु इतने साल गुजर जाने के बाद भी अब फिरोज गाँधी के समाधि स्थल पर उनके परिवार के कोई लोग नहीं आए। इसी तरह कांग्रेस के दिग्गज नेता बाबा अवस्थी कहते हैं कि यह बेहद दुख की बात है जो शख्स पार्टी को ऊँचाइयों पर ले गया, उनकी समाधि पर कुछ ही कार्यकर्ता आते हैं। बता दें कि, यह पहली बार नहीं है जब राहुल-प्रियंका अपने दादा फिरोज गाँधी को भूल गए हों। काफी समय से ऐसा ही चला आ रहा है। राहुल, प्रियंका और सोनिया, अमूमन इंदिरा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू और राजीव गाँधी को तो याद करते रहते हैं, उनके जन्मदिवस और पुण्यतिथि पर उनके समाधिस्थल पर भी जाते हैं। लेकिन, फिरोज गाँधी की समाधि पर कोई नहीं जाता। वर्ष 2019 में प्रियंका, फिरोज गाँधी की समाधि से कुछ दूर ही मौजूद थीं, मगर फिर भी प्रियंका ने वहाँ जाना मुनासिब नहीं समझा। जर्मनी में बिना टीकाकरण वाले लोग अभी भी बहुत अधिक हैं: स्वास्थ्य मंत्री निखिल जैन या यश दासगुप्ता, आखिर कौन है नुसरत जहाँ के बच्चे का पिता ? अफगानियों के स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए: पाकिस्तान के विदेश मंत्री