सफेद दाग होने पर ये उपाय करें

ल्यूकोडर्मा यानी सफेद दाग शारीरिक कष्ट न दे कर मानसिक पीड़ा देते है. ल्यूकोडर्मा से ग्रसित व्यक्ति के मन में हीन भावना घर कर जाती है. ल्यूकोडर्मा का कारण त्वचा में मिलेनिन नामक पिग्मेंट की कमी है. यह पिग्मेंट त्वचा को रंगने का कार्य करते है, ये जहां कम होते है वहां की त्वचा सफेद हो जाती है. इसका इलाज संभव है किन्तु इसमें समय खूब लग जाता है. यह जरूरी नहीं कि यह पूरी तरह से ठीक हो जाए.

इस स्थिति में इलाज के दौरान टेम्परेरी डर्मा कलर्स का उपयोग कर कुछ समय के लिए दागों को छुपाया जा सकता है. इलाज के बाद कुछ दाग रह जाए तो उसे छुपाने के लिए परमानेंट कलरिंग टेक्निक को भी अपना सकते है. इसके लिए आप यह भी कर सकते है कि किसी एक सफेद पैच को चुन कर उस पर टेस्ट कर सकते है. यदि स्किन उस रंग को अडॉप्ट कर ले तो 2-3 महीने के बाद स्किन से मैच करते कलर को त्वचा की डर्मिस लेयर तक पहुंचाया जाता है, जिससे दाग छुप जाते हैं.

आपको जानकारी दे दे कि परमानेंट कलरिंग का असर 2 से 15 साल तक रहता है. इसमें उपयोग किए जाने वाले कलर्स बाहरी देशो से आयत किए जाते है जो कि फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट द्वारा अप्रूव्ड होते हैं.हाइजीन का खास ख्याल रखे, किसी व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किया नीडल और कलर्स को खुद पर इस्तेमाल न करने दे.

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