केंद में सत्तारूढ़ भाजपा उच्च सदन में अपनी अल्पमत वाली स्थिति को बहुमत में बदलने के लिए पूरी गंभीरता से लगी हुई है। हालिया घटनाक्रम इस बात की पुष्टि भी करते हैं। बीजेपी धीरे-धीरे विपक्षी सांसदों पर डोरे डालकर उनमें सेंध लगा रही है। हालिया दिनों में टीडीपी के चार, इनेलो के एक और सपा के एक सासंद ने भाजपा का दामन थामा है। इससे पार्टी की राज्यसभा में स्थिति पहले से मजबूत हुई है। बीजेपी के सूत्र के अनुसार , समाजवादी पार्टी के दो राज्यसभा सदस्य अभी पार्टी के संपर्क में हैं। ये दोनों नेता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के टच में हैं जिनसे उनकी बातचीत चल रही है। कई दौर की बातचीत के बाद ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बन गई है और बाकियों पर उनकी सकारात्मक रूख को देखकर लगता है कि अन्य मुद्दों पर भी सहमति बन जाएगी। फिर ये सांसद समाजवादी पार्टी और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। अभी कुछ दिन पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री, सपा कोटे से राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ नेता नीरज शेखर ने पार्टी और राज्यसभा की सदस्यता दोनों से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। दरअसल बीजेपी तीन तलाक, नागरिकता संशोधन, एनआईए संशोधन सहित पार्टी के एजेंडे से जुड़े अहम बिल को राज्यसभा से पारित करवाना चाहती है। जिसे वह अपने पिछले कार्यकाल में उच्च सदन में बहुमत नहीं होने के कारण पारित नहीं करवा सकी थी। सरकार अपने दुसरे कार्यकाल में इस स्थिति को बदलना चाहती है। वर्तमान में 245 सदस्यीय सदन में 5 पद खाली हैं। सदन में बहुमत के लिए 121 सांसद चाहिए। इस समय राजग, निर्दलीय और मनोनीत सदस्यों को मिला कर भाजपा खेमे में 116 सांसद हैं। अगर सपा के संभावित दो और सांसदों ने इस्तीफा दिया तो बहुमत का आंकड़ा 119 रह जाएगा। फिर नीरज और इन दोनों की सीट पर उपचुनाव हुए तो सभी सीटें भाजपा की झोली में जाएगी। राज्यसभा मेंबीजेडी, टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस के पास 15 सांसद हैं जो मुद्दों के आधार पर सरकार को सदन में अपना सर्मथन देते रहते हैं। इनमें से अगर एक दल ने भी सरकार को समर्थन दे दिया तो सरकार सदन में अपने अहम बिल पारित करवा सकती है। अमित शाह से मिले सपा नेता नीरज कुमार, जल्द थामेंगे भाजपा का दामन