ज्योतिष में शनि देव को न्यायाधीश बताया गया है. व्यक्ति के सभी कर्मों के अच्छे-बुरे फल शनि महाराज ही प्रदान करते हैं. साढ़ेसाती और ढय्या के समय में शनि व्यक्ति को उसके कर्मों का फल प्रदान करते हैं. 1-शनि की साढ़ेसाती और ढय्या या अन्य कोई शनि दोष हो तो हर शनिवार को किसी भी पीपल के वृक्ष को दोनों से स्पर्श करें. स्पर्श करने के साथ ही पीपल की सात परिक्रमाएं करें. परिक्रमा करते समय शनिदेव का ध्यान करना चाहिए. किसी शनि मंत्र (ऊँ शंशनैश्चराय नम:) का जप करें या ऊँ नम: शिवाय का जप करें. इस प्रकार हर शनि को करें. 2-शनि को मनाने का एक और सबसे अच्छा उपाय है कि हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें. हनुमानजी के दर्शन और उनकी भक्ति करने से शनि के सभी दोष समाप्त हो जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार शनि किसी भी परिस्थिति में हनुमानजी के भक्तों को परेशान नहीं करते हैं. 3-इन उपायों के साथ ही हर सप्ताह में केवल एक ही दिन शनिवार को शनिदेव के निमित्त तेल का दान करना चाहिए. तेल का दान करने से पहले व्यक्ति को एक कटोरी में तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखना चाहिए. इसके बाद तेल का दान कर देना चाहिए. इस उपाय से भी शनि के दोष समाप्त हो जाते हैं. एक ऐसी जगह जहा कभी नहीं होती चोरी करना है शनि देव को प्रसन्न तो अपनाये ये उपाय शनिदेव का करे सरसो के तेल से अभिषेक