सावन, सोमवार एवं सोमवती अमावस्या ये तीनों ही शिव को अति प्रिय है. 17 जुलाई 2023 को सावन की हरियाली अमावस्या पर सोमवती अमावस्या एवं सावन सोमवार दोनों है. ऐसे में महादेव की पूजा के लिए ये दिन किसी त्योहार से कम नहीं माना जा रहा है. इस दिन कुछ विशेष मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए एवं स्नान-ध्यान करना चाहिए। सोमवार का दिन होने की वजह से शिवलिंग का अभिषेक करें तथा ॐ नमः शिवाय मंत्र का निरंतर जाप करते रहें। इस बीज मंत्र से भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं एवं साधक की सभी मनोकामना पूर्ण कर देते हैं। सोमवती अमावस्या सिद्ध मंत्र:- ॐ कुल देवताभ्यो नमः। ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः। ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः। ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः। ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय। अयोध्या, मथुरा, माया, काशी कांचीअवन्तिकापुरी, द्वारवती ज्ञेयाः सप्तैता मोक्ष दायिका।। गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदा सिंधु कावेरी जलेस्मिनेसंनिधि कुरू।। गायत्री मंत्र:- ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। ॐ पितृभ्य: नम। पीपल के पेड़ की पूजा करें:- आज के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करना शुभ माना जाता है। इस दिन पीपल के वृक्ष को गंगा जल से सींचना चाहिए तथा इसके बाद 108 बार पीपल की परिक्रमा करें व कच्चा सूत लपेटें। इस उपाय को करते हुए पति की लम्बी आयु की कामना करें। सोमवती अमावस्या के दिन करें राहु स्तोत्र का पाठ, दूर होगी हर अड़चन सोमवती अमावस्या आज, जानिए मुहूर्त और पूजा विधि जानिए भारत के प्राचीन धर्म की जड़ों के बारे में