नई दिल्‍ली: लोकसभा में सूचना के अधिकार कानून संशोधन विधेयक को लेकर कांग्रेस संसदीय दल की नेता और UPA चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर संगीन आरोप लगाए हैं. सोनिया गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार ऐतिहासिक सूचना का अधिकार कानून -2005 को पूरी तरह से निष्‍प्रभावी बनाने की कोशिश कर रही है. सोनिया ने कहा कि इस कानून को काफी विचार-विमर्श करने के बाद संसद में इसे सर्वसम्‍मति से पारित किया गया था. उन्होंने कहा कि अब यह कानून समाप्ति की कगार पर पहुंच चुका है. सोनिया ने कहा कि बीते एक दशक में लगभग 60 लाख से ज्यादा देशवासियों विशेष कर महिलाओं ने सूचना के अधिकार का इस्तेमाल किया है. इस कानून की सहायता से प्रशासन के सभी स्‍तरों में पारदर्शिता और निष्‍पक्षता को बेहद सशक्त बनाया गया है. आरटीआई के अधिकाधिक प्रयोग से समाज के कमजोर वर्ग को बहुत लाभ हुआ है. उन्‍होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वर्तमान मोदी सरकार आईटीआई को अनुपयोगी मानती है. सोनिया गाँधी ने कहा कि मोदी सरकार उस केंद्रीय सूचना आयोग के स्‍वतंत्रता को समाप्त करना चाहती है, जिसे केंद्रीय चुनाव आयोग एवं केंद्रीय सतर्कता आयोग के समकक्ष रखा गया था. आपको बता दें कि सोनिया गांधी ने यह बयान लोकसभा में विपक्ष के विरोध के बाद भी आरटीआई संशोधन विधेयक बिल 2019 के पास हो जाने के बाद दिया है. नहीं रहीं राजमाता विजयाराजे सिंधिया की छोटी बहन और पूर्व MLA सुषमा सिंह कश्मीर मुद्दे को लेकर संसद में बहस तेज, कांग्रेस ने दिया 'काम रोको प्रस्ताव' फडणवीस के खिलाफ जानकारी छिपाने वाली याचिका पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित