JNU हिंसा पर चढ़ा सियासी रंग, सोनिया और ममता ने केंद्र पर लगाए संगीन इल्जाम

नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में रविवार रात को हुए अज्ञात नकाबपोशों के हमले ने देश की सियासत में भूचाल ला दिया है। इस मुद्दे पर राजनेताओं की लगातार प्रतिक्रिआएं आ रही हैं। विपक्ष के नेता इस मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि, ''भारत के युवाओं और छात्रों की आवाज हर दिन दबाई जा रही है। सत्ताधारी मोदी सरकार के सक्रिय उकसावे के साथ गुंडों द्वारा भारत के युवाओं पर भयावह हिंसा अस्वीकार्य है।''

वहीं मोदी सरकार की मुखर विरोधी पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि, ''यह बेहद परेशान करने वाली घटना है। यह लोकतंत्र पर खतरनाक साजिशन हमला है।'' इसके अलावा ममता ने कहा कि, ''दिल्ली पुलिस अरविंद केजरीवाल के अंतर्गत नहीं आती है, बल्कि यह केंद्र सरकार के अधीन है। एक ओर उन्होंने भाजपा के गुंडे भेजे और दूसरी ओर उन्होंने पुलिस को निष्क्रिय कर दिया। यदि पुलिस को प्रशासन से निर्देश ही नहीं मिलेगा तो वो क्या कर सकती है। यह फासीवादी सर्जिकल स्ट्राइक है।''

दिल्ली महिला आयोग (DCW) की प्रमुख स्वाती मालीवाल ने जेएनयू में गत रविवार हुई हिंसा के दौरान छात्राओं पर हमले को लेकर पुलिस को समन भेजा है। AIMIM चीफ और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जेएनयू हिंसा पर कहा कि, ''मैं इस हिंसा की कड़ी निंदा करता हूं।बदतर यह है कि एक वीडियो है, जो दिखा रहा है कि पुलिस ने हमलावरों को आसानी से निकल जाने दिया।''

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