ISI की एजेंट हैं सोनिया गांधी, पाकिस्तान ने करवाई राजीव से शादी..! बांग्लादेशी पत्रकार के सनसनीखेज आरोपों पर कांग्रेस क्यों मौन ?

नई दिल्ली: बांग्लादेशी पत्रकार सलाहुद्दीन शोएब चौधरी द्वारा गांधी परिवार पर लगाए गए गंभीर और सनसनीखेज आरोपों ने भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में भूचाल ला दिया है। चौधरी ने अपने लेख में सोनिया गांधी, जिन्हें उनके जन्म के समय हेडविग एंटोनिया अल्बिना माइनो के नाम से जाना जाता था, के अतीत के बारे में ऐसे खुलासे किए हैं जो न केवल चौंकाने वाले हैं, बल्कि भारतीय राजनीति के सबसे उच्च स्तरों पर धोखे और जासूसी के जाल का भी पर्दाफाश करते हैं। सोशल मीडिया पर कुछ यूज़र्स इसकी गहराई से जांच कराने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि ये देश की सुरक्षा से जुड़ा मसला है।

 

सलाहुद्दीन शोएब चौधरी ने Blitz के लिए लिखे गए अपने एक आर्टिकल में दावा किया है कि सोनिया गांधी, जो आज कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं, का अतीत नाज़ी जर्मनी से जुड़ा है। चौधरी के अनुसार, सोनिया गांधी नाज़ी जर्मनी के एक सैनिक की बेटी थीं और उनकी परवरिश एक ऐसे वातावरण में हुई जहाँ यहूदियों के प्रति घृणा और मुसलमानों के प्रति समर्थन की भावना थी। चौधरी ने यहां तक दावा किया कि सोनिया गांधी का असली पिता वह नाज़ी सैनिक नहीं था जिसे उन्होंने बताया, बल्कि वह किसी अन्य नाज़ी सैनिक की संतान थीं, जो उनकी माँ पाउला माइनो के संपर्क में थे। इसके साथ ही, चौधरी ने सोनिया गांधी की शैक्षिक योग्यता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने कभी कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ाई नहीं की, जैसा कि दावा किया गया था। इसके बजाय, उन्होंने केवल एक साधारण अंग्रेजी भाषा का कोर्स किया था। चौधरी ने यह भी दावा किया कि सोनिया गांधी का विवाह भारतीय कानून के अंतर्गत नहीं हुआ था, क्योंकि उन्होंने हिंदू धर्म को नहीं अपनाया था और आज भी वे एक रोमन कैथोलिक के रूप में रहती हैं।

सबसे गंभीर आरोप जो चौधरी ने लगाए हैं, वह यह है कि सोनिया गांधी पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की एक एजेंट थीं। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने राजीव गांधी से विवाह करने के लिए ISI के निर्देशन में काम किया था और बाद में उन्होंने गांधी परिवार के साथ विश्वासघात किया। चौधरी का कहना है कि सोनिया गांधी और ISI के बीच यह संपर्क दशकों तक बना रहा, और वे लगातार भारतीय राजनीति के उच्चतम स्तर पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करती रहीं। चौधरी ने यहां तक दावा किया कि सोनिया गांधी ने भारतीय नागरिकता के लिए अपने आवेदन में झूठा नाम और गलत जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के पास एक साथ भारतीय और इतालवी नागरिकता है, जो कानून के खिलाफ है। इसके अलावा, चौधरी ने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी का अतीत लंदन में एक एस्कॉर्ट एजेंसी से जुड़ा था, और वहीं उनकी मुलाकात पाकिस्तानी एजेंट सलमान तासीर से हुई, जिसने उन्हें राजीव गांधी के साथ संबंध बनाने के लिए प्रेरित किया।

 

इन सभी आरोपों ने भारतीय राजनीति में गहरा संकट खड़ा कर दिया है। ये आरोप गांधी परिवार की प्रतिष्ठा पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं और देश के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक वंश के भीतर विश्वासघात और जासूसी के जाल को उजागर करते हैं। लेकिन यह हैरानी की बात है कि इतने गंभीर आरोपों के बावजूद कांग्रेस पार्टी या गांधी परिवार का कोई भी सदस्य इन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है। यह चुप्पी और भी सवाल खड़े करती है। जब अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आधार पर विपक्षी नेताओं ने भारत सरकार को जमकर घेरा था और संसद से लेकर सड़क तक संग्राम मचा था, यहाँ तक कि बात सुप्रीम कोर्ट तक भी गई। वहीं, हमारे ही पड़ोसी देश बांग्लादेश का एक पत्रकार गांधी परिवार पर इतने गंभीर आरोप लगा रहा है, तो वे खामोश क्यों हैं? क्या कांग्रेस इस मुद्दे को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही है, या फिर वे वास्तव में इन आरोपों का सामना करने से डरते हैं?

यदि सलाहुद्दीन शोएब चौधरी के ये आरोप गलत हैं, तो कांग्रेस को उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन अगर ये आरोप सही हैं, तो यह भारत और यहाँ की जनता के साथ एक बड़े धोखे की कहानी हो सकती है। इस स्थिति ने भारतीय राजनीति में नए सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनका जवाब केवल समय ही दे सकता है। तब तक, यह मामला भारतीय राजनीति में एक बड़ी बहस का विषय बना रहेगा, और कांग्रेस की चुप्पी इस बहस को और भी अधिक तूल देती रहेगी।

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