हैदराबाद: भीमा-कोरेगांव मामला वर्ष 2018 से चल रहा है. यह दंगों के इतिहास में हुआ, खासकर महाराष्ट्र में सबसे बड़ी घटना हुई थी. इसी संदर्भ में क्रांतिकारी लेखक पी वरवरा राव के दामाद के सत्यनारायण और केवी कुरमनाथ भीमा कोरेगांव मामले के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सामने पेश हुए. कुछ दिन पहले एनआईए की मुंबई इकाई ने उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 160 और 91 के तहत गवाह के तौर पर पेश होने को कहा था. सत्यनारायण अंग्रेजी और विदेशी भाषा विश्वविद्यालय के शिक्षक हैं, वहीं कुरमनाथ हैदराबाद में स्थित वरिष्ठ पत्रकार हैं. पिछले वर्षों की तुलना में, वर्ष 2018 ने लड़ाई के 200 वें वर्ष को चिह्नित किया, इसलिए यह पिछले वर्षों की तुलना में भीमा कोरेगांव में सबसे अधिक है. समारोह के दौरान दलित और मराठा गुटों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिसके परिणामस्वरूप कम से एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए . 29 दिसंबर, 2021 से समूह के बीच में तनाव का निर्माण शुरू हो गया था, जब गोविंद गोपाल महार के स्मारक को अपवित्र पाया गया था . इस घटना में 31 दिसंबर, 2017 को दलित और बहुजन समूहों द्वारा आयोजित एक बड़े सार्वजनिक सम्मेलन एल्गर परिषद में उल्लेख पाया गया. पुलिस ने यह भी दावा किया कि इस कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण दिए गए और इसके कारण हिंसा भड़क गई . कल भारत में लॉन्च होगा Samsung का ये शानदार स्मार्टफोन जल्द दस्तक देगा Jio का नया एंड्रॉयड स्मार्टफोन, देगा कई कंपनियों को मात भारतीय-अमेरिकी वोटर्स को पसंद आ रहा ट्रंप का कैंपेन Video