बैंगलोर: कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर बड़ा आरोप लगा दिया था। जिसके बाद भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने कांग्रेस को पत्र लिखते हुए बताया है कि उनके आरोप सरासर गलत हैं कि EVM को चुनाव से पहले दक्षिण अफ्रीका भेजा गया। आयोग ने कहा कि न तो EVM साउथ अफ्रीका भेजी गई है और न ही वहाँ पर EVM का उपयोग होता है। दक्षिण अफ्रीका के ECI की वेबसाइट पर राष्ट्रीय और प्रांतीय चुनावों की बुकलेट के माध्यम से इस संबंध में आसानी से पता किया जा सकता है। गौरतलब है कि कर्नाटक में चुनाव से दो दिन पहले 8 मई को कांग्रेस ने ECI को पत्र लिखते हुए आरोप लगाया था कि साउथ अफ्रीका में इस्तेमाल हो चुकी, EVM का उपयोग कर्नाटक चुनाव में होने वाला है। दरअसल, कांग्रेस ने यह आरोप लगाते हुए आयोग से स्पष्टीकरण माँगा था। अब निर्वाचन आयोग के पोल पैनल ने इस पत्र पर सख्ती से जवाब देते हुए कांग्रेस को पूरी प्रक्रिया समझाई है। ECI ने बताया कि कर्नाटक चुनाव में उपयोग होने वाली तमाम EVM बिलकुल नई हैं। ये बात कांग्रेस भी अच्छी तरह जानती है। आयोग ने कहा कि जब भी EVM आती है, तो उस पूरे प्रक्रिया का वीडियोग्राफी की जाती है और हर सियासी दल के नेताओं को वहाँ प्रत्यक्षदर्शी बनने के लिए बुलाया जाता है। कांग्रेस बहुत अच्छे से जानती है कि कर्नाटक चुनाव में EVM कहाँ से आई हैं। इसके बाद कांग्रेस को लताड़ लगाते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि कांग्रेस इतने सालों से राष्ट्रीय पार्टी है और उसने कई चुनावों में हिस्सा लिया है, उनसे तो कम से कम यह उम्मीद की जाती है कि उन्हें चुनाव आयोग के प्रोटोकॉल्स के संबंध में पता होगा। ECI ने बताया कि पार्टियों के नेताओं को न सिर्फ बुलाकर यह दिखाया जाता है कि EVM आई कहाँ से, बल्कि उन्हें EVM की यूनिक आई़डी की सूची भी प्रदान की जाती है। यही नहीं EVM को असेंबल करने से पहले उसे रैंडम चेक भी किया जाता है। उसे चालू किए जाने के बाद फिर उसे सियासी दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में ही चेक किया जाता है। अपने जवाब में ECI ने कहा कि उन्होंने जितने SOP बताए, उन सबको कर्नाटक चुनाव के वक़्त फॉलो किया गया और जहाँ तक उनके पास रिकॉर्ड मौजूद है, इस पूरे प्रक्रिया के दौरान कांग्रेस के प्रतिनिधि भी उपस्थिति थे। आयोग ने इतनी पारदर्शिता के बाद भी कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों पर उन्हें लताड़ते हुए कहा कि सूत्रों के हवाले से ये कहना कि EVM साउथ अफ्रीका में इस्तेमाल हुई, वाकई हैरान करने वाला है। आयोग ने आगे कहा कि विभिन्न सूत्रों का नाम लेकर फैलाई गई खबर की कोई विश्वसनीयता नहीं है, जो कांग्रेस को जानकारी के रूप में दी गई। ऐसे में कांग्रेस को खुद यह पता करना चाहिए कि, ये झूठ उसके पास कहाँ से आया, ताकि पार्टी की साख पर आँच न आए। आयोग ने कहा कि वो उम्मीद करते हैं झूठी खबर फैलाने वाले सूत्र पर हुई कार्रवाई के बारे में आयोग को 15 मई 2023 को 5 बजे से पहले (कांग्रेस द्वारा) बता दिया जाएगा। बता दें कि, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख को चुनाव के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने पत्र भेजकर समझाया है कि आयोग के निर्देशों के अनुसार, जिला चुनाव अधिकारी द्वारा जिला स्तर पर FLC प्रक्रिया पूरी होने के बाद राष्ट्रीय और राज्य मान्यता प्राप्त सियासी दलों को FLC ओके EVM और VVPAT की सूची की फोटोकॉपी दी जाती है। लेटर में यह भी बताया गया है कि, कर्नाटक चुनाव में हैदराबाद से ECIL द्वारा नव निर्मित EVM और VVPAT का इस्तेमाल ही किया गया है। 'राजस्थान में भ्रष्टाचार चरम पर, युवाओं का भविष्य अधर में..', जनसंघर्ष यात्रा में गरजे सचिन पायलट आशीष मोरे के बाद कौन ? सीएम केजरीवाल के हाथ में आई पॉवर, अब कई अधिकारियों पर गिरेगी गाज! पानी में गई CM नितीश कुमार की मेहनत ? पीएम मोदी से मिलकर ओडिशा सीएम नवीन पटनायक ने कह दी बड़ी बात