इस्लामाबाद: दक्षिण एशिया अल्पसंख्यक गठबंधन फाउंडेशन (एसएएमएएफ) के चेयरमैन नदीम नुसरत ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट से मौत की सजा के दोषी आसिया बीबी के खिलाफ ईश निंदा के आरोपों को ख़ारिज करते हुए, उनकी तत्काल रिहाई के आदेश दिए हैं. मोहाजीर नेता ने एक बयान में कहा कि वर्षों से बीबी को जेल में रखा गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से विश्वसनीयता की कमी है और न्याय के मानदंडों का मज़ाक उड़ाया गया है, आसिया ने पहले से ही काफी पीड़ा का सामना कर लिया है और उसे जेल में रखने का कोई कारण नहीं है. मैच फिक्सिंग के आरोप में घिरे हांगकांग के खिलाड़ी अदालत द्वारा ईश निंदा मामले में आसिया बीबी के खिलाफ कल फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसके अगले दिन नुसरत की यह टिप्पणी आई है. गौरतलब है कि आसिया बीबी पहली पाकिस्तानी महिला हैं, जिन्हे ईश निंदा के आरोप में मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है. एक स्थाइंया मीडिया के अनुसार, ईसाई महिला बीबी कथित तौर पर तीन मुस्लिम महिलाओं के साथ एक तर्क में शामिल थीं, उस समय उन तीनों ने आसिया द्वारा छुए हुए कप में चाय पीने से इंकार कर दिया था. बिस्तर पर पड़े-पड़े मौत का इंतज़ार कर रहा जैश ए मोहम्मद का सरगना मसूद अज़हर बाद में तीन महिलाओं ने दावा किया कि बीबी ने एक तर्क में पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया, जो कि पाकिस्तान में मौत की सजा है. 2010 में, शेखपुरा में एक अदालत ने उन्हें फांसी से मौत की सजा सुनाई. तब से लेकर अब तक आसिया बीबी को मृत्युदंड दिए जाने के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई, लेकिन इससे आसिया को कोई राहत न मिल सकी और पिछले साल पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश मियां साकिब निसार ने इस मामले में सुनवाई करने से ही इंकार कर दिया था. खबरें और भी:- हैती भूकंप : मृतकों की संख्या 15 हुई, सैकड़ों घायल कनाडा : सबसे बड़ी आयल रिफाइनरी में विस्फोट, दर्जनों कर्मचारी घायल पाकिस्तान का 'गौरी मिसाइल' परीक्षण, 1300 किमी तक परमाणु विस्फोट ले जाने में सक्षम