सियोल: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है और अब तक इस बीमारी से 8000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इससे संक्रमित मरीजों की तादाद में दिन प्रति दिन वृद्धि दिख रही है. किन्तु दुखद बात ये है कि दक्षिण कोरिया में अंध विश्वास और लापरवाही के कारण कोरोना के संक्रमण के बढ़ने का एक बड़ा कारण सामने आया है. दरअसल, मामला ये है कि इस वायरस की रोकथाम के लिए प्रार्थना सभा में उपस्थित लोगों के मुंह पर खारे पानी का स्प्रे किया गया था, जिसके बाद सभा में आए लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए. सभा में उपस्थित लोगों की माने तो ऐसा इसलिए हुआ क्यों कि स्प्रे के लिए दूषित बोतल का उपयोग किया गया. स्थानीय कोरोना वायरस टास्क फोर्स के चीफ ली ही-यंग का कहना है कि स्प्रे बोतल की नोक को सभा में उपस्थित एक शख्स के मुंह में डाला गया जिसके बाद उसका कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव पाया गया. ली ही-यंग का ये भी कहना है कि अन्धविश्वास से प्रार्थना सभा में उपस्थित लोगों के मुंह में खारा पानी डाला गया कि वो वायरस को समाप्त कर देगा जो कि ऐसा नहीं हुआ बल्कि लोग वायरस से संक्रमित हो गए. इस घटना के बाद चर्च को बंद कर दिया गया है और प्रार्थना सभा में उपस्थित सभी लोगों को जांच के लिए अस्पताल में भेज दिया गया है. कोरोना: तीन महीनों के लिए लॉकडाउन हुआ फिलीपींस, कई भारतीय नागरिक फंसे कोरोना के गढ़ चीन से वापस लौटे इमरान के मंत्री, पांच दिनों तक निगरानी में रहेंगे 7984 मौतें, 2 लाख के लगभग संक्रमित, कोरोना के कहर से काँप उठी दुनिया