सियोल: दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए उपयोग में लाए जा रहे मोबाइल अलर्ट को लेकर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल कई मरीजों की पहचान सार्वजनिक होने और उनसे संबंधित निजी जानकारियां सामने आने के बाद उन्हें खासी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस के 7,500 से ज्यादा मामले की पुष्टि हुई है। चीन के बाद जिन देशों में सबसे अधिक कोरोना वायरस फैला है उनमें साउथ कोरिया भी शामिल है। हालांकि बीते कई दिनों से नए मामलों की तादाद में लगातार गिरावट देखी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि संभावित संपर्कों के व्यापक परीक्षण से संभव हो सका है। दक्षिण ने 210,000 से ज्यादा का संचालन किया है। देश भर में, स्थानीय अधिकारी उन जिलों में रहने वाले या काम करने वाले लोगों को मोबाइल फोन द्वारा आपातकालीन अलर्ट जारी कर रहे हैं जहां नए मामलों की पुष्टि हुई है। मोबाइल मैसेज एक गंभीर चेतावनी के साथ आता है जिसमें उन इलाकों का उल्लेख होता है, जहां कोरोना की पुष्टि होने से पहले रोगी गया था। इससे ज्यादा जानकारी नगर निगम की वेबसाइटों पर मौजूद होती है, कभी लोगों के निवास और नियोक्ता का ब्यौरा अक्सर लोगों को व्यक्तिगत रूप से पहचान लायक बनाते हैं। अभी 'कोरोना' से नहीं मिलेगा छुटकारा, और अधिक फैलेगा वायरस, अमेरिकी वैज्ञानिक का दावा World Kidney Day: जानिए किस वजह से होते हैं किडनी के रोग, कैसे कर सकते हैं बचाव हार्दिक पांड्या अभ्यास सत्र में छक्के मारते आए नजर, वीडियो हुआ वायरल