सियोल: दक्षिण कोरिया में स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक नई जांच पद्धति को हरी झंडी दे दी है, जिसमें एक ही सैंपल में कोरोना वायरस और मौसमी जुकाम (इन्फ्लुएंजा) के बारे में पता लगाया जा सकता है। दरअसल, सर्दी जुकाम का मौसम आने वाला है और ऐसे में इस तकनीक द्वारा जांच करने से अस्पतालों में भीड़भाड़ कम होने में मदद मिलेगी। दक्षिण कोरिया में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कई एहतियाती कदम उठाए गए हैं, किन्तु जानकारों का मानना है कि ठंड के मौसम में कोरोना संक्रमण का प्रसार अधिक हो सकता है, जिस मौसम में लोग अधिकतर समय घर के भीतर रहते हैं। कोरियाई रोग नियंत्रण एवं रोकथाम एजेंसी ने बुधवार को बताया कि कोरोना के 118 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से ज्यादातर सियोल की घनी आबादी वाले क्षेत्र के हैं। देश में अब तक कोरोना के 26,925 मामले दर्ज किए जा चुके हैं और कोरोना से 474 मरीजों की जान जा चुकी है। जांच की इस नई तकनीक में उन जीनों का लक्षित किया गया है जो कोरोना और मौसमी जुकाम दोनों में पाए जाते हैं। यह PCR जांच का विकसित स्वरूप है जिसमें नाक और गले से सैंपल लेकर कोरोना जांच की जाती है। स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी यून तैहो ने कहा कि मौसमी जुकाम और कोरोना वायरस दोनों रोगों के लक्षण समान होते हैं इसलिए तीन से छह घंटे में इन दोनों का पता लग जाने से मरीजों को सुविधा होगी और स्वास्थ्य कर्मियों पर भी अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। अब भी जारी है मतदान की गिनती, अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में कौन मरेगा बाज़ी US Election: जूनियर ट्रम्प ने जारी किया दुनिया का विवादित नक्शा, कश्मीर को बताया पाक का हिस्सा पाकिस्तान ने देश में पत्रकारों की रक्षा के लिए नए कानून का किया आह्वान