हाल ही में मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिम रेलवे राष्ट्र और लोगों के प्रति अपनी सम्पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ, बड़े पैमाने पर यह सुनिश्चित कर रही है कि कोरोना महामारी के इस कठिन समय के दौरान, देश भर में आवश्यक वस्तुऍं अनवरत उपलब्ध कराई जाती रहीं हैं. ऐसे में आप सभी को यह भी बता दें कि पश्चिम रेलवे न केवल आवश्यक वस्तुओं, बल्कि सबसे ज़रूरी दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति के ज़रिये भी राष्ट्र को अपनी सेवाऍं निरंतर प्रदान कर रही है. जी हाँ और पश्चिम रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन अवधि के दौरान अनेक पार्सल विशेष ट्रेनों का परिचालन लगातार जारी रखा गया है. ऐसे में खबर है कि इन्हीं ट्रेनों में से सात पार्सल स्पेशल ट्रेनें, जिनमें दूध की एक विशेष रेक शामिल है, 3 मई, 2020 को देश के विभिन्न स्टेशनों के लिए पश्चिम रेलवे के निर्धारित स्टेशनों से रवाना हुईं. इसी के साथ मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविन्द्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ''23 मार्च से 3 मई, 2020 तक की अवधि में अपनी विभिन्न पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से पश्चिम रेलवे द्वारा 24000 टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं का परिवहन किया गया है, जिनमें कृषि उपज, दवाइयाॅं, मछली, दूध और मेडिकल सामग्री मुख्य रूप से शामिल हैं. इस परिवहन के माध्यम से होने वाली कुल कमाई, लगभग 7.27 करोड़ रुपये रही है. इस अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा 20 मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें 14400 टन से अधिक का भार था और वैगनों के 100% उपयोग से लगभग 2.48 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ.'' इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि, ''इसी तरह, 124 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके लिए अर्जित राजस्व 4 करोड़ रुपये से ऊपर रहा.'' वैसे इनके अलावा, लगभग 78 लाख रु. की आय के लिए 100% उपयोग के साथ 4 इंडेंटेड रेक भी चलाए गए. इस बारे में श्री भाकर ने बताया कि, ''7 पार्सल विशेष ट्रेनें 3 मई, 2020 को देश के विभिन्न हिस्सों के लिए पश्चिम रेलवे से रवाना हुईं, जिनमें 6 ट्रेनें मुंबई सेंट्रल - फिरोजपुर, ओखा - बांद्रा टर्मिनस, राजकोट - कोयम्बटूर, ओखा - गुवाहाटी, दादर - भुज और बांद्रा टर्मिनस - ओखा पार्सल विशेष ट्रेनें शामिल हैं, जबकि एक दूध विशेष रेक पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए रवाना हुई.'' इसी के साथ आगे उन्होंने यह भी बताया कि ''22 मार्च से 2 मई, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा मालगाड़ियों के कुल 2847 रेकों का इस्तेमाल 6.21 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है. 5876 मालगाड़ियों को अन्य रेलवे के साथ जोड़ा गया है, जिनमें 2966 ट्रेनें और 2910 ट्रेनें अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंट पर ली गई हैं. पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के 150 मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसी आवश्यक सामग्री की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गए हैं.'' आप सभी को बता दें कि मार्च, 2020 में पश्चिम रेलवे पर अनुमानित घाटा 207.11 करोड़ रुपये रहा है, अप्रैल 2020 में यह 449.52 करोड़ रुपये और मई, 2020 के 2 दिनों में 29.98 करोड़ रुपये रहा है. इसी प्रकार से कोरोनावायरस और लॉकडाउन के कारण पश्चिम रेलवे (उपनगरीय + गैर-उपनगरीय सहित) का कुल नुकसान 686.61 करोड़ रुपये रहा है. यह सब होने के बाद भी अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के फलस्वरूप, पश्चिम रेलवे ने 236.02 करोड़ रुपये की राशि रिफंड के रूप में वापस करना सुनिश्चित किया है. इसी के साथ ही इस रिफंड राशि में, मुंबई डिवीजन ने अकेले 114.11 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है. जी दरअसल अब तक, 36.22 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी किराया वापसी राशि प्राप्त कर ली है. कुछ फ़रिश्ते ऐसे भी हैं जो सेल्फी के लिए नहीं नेकी के लिए खाना बाँट रहे हैं दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों को नहीं देना होगा ट्रेन किराया: मध्यप्रदेश सरकार लॉकडाउन में 90 साल की माँ को साईकिल पर बैठाकर बेंगलुरु से राजस्थान ले आया बेटा