मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र, समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के बीच गठबंधन संकट में है। स्थिति तब उत्पन्न हुई जब कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में सपा को उपचुनावों में समर्थन दिया था और इसके बदले में उम्मीद जताई थी कि महाराष्ट्र चुनावों में सपा भी कांग्रेस के साथ खड़ी होगी। हालांकि, महाराष्ट्र में सपा के प्रमुख नेता अबू आसिम आज़मी लगातार अखिलेश यादव पर राज्य की लगभग एक दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ने का दबाव बना रहे हैं। इस संदर्भ में, अखिलेश यादव ने महाराष्ट्र का दौरा किया और गठबंधन के निर्णय से पहले ही चार उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए। इसके साथ ही, सपा ने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन से महाराष्ट्र में 12 सीटों की मांग की। इसके विपरीत, कांग्रेस सपा के इस दबाव में नहीं आई। अब तक, सपा ने महाराष्ट्र की 9 विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, जिनमें से अधिकांश मुस्लिम समुदाय से आते हैं। सपा समझती है कि यदि कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं बनता है और वे स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ते हैं, तो इसका सीधा नुकसान कांग्रेस को होगा। इस बीच, आज 4 नवंबर को महाराष्ट्र में नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख भी है, और कांग्रेस आलाकमान सपा प्रमुख अखिलेश यादव के संपर्क में है। कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सपा को अपने दो सिटिंग विधायकों को छोड़कर बाकी उम्मीदवारों का नामांकन वापस लेना चाहिए। हालांकि, अखिलेश यादव और अबू आसिम आज़मी ने अब तक कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया है। ऐसी स्थिति में यह संभावना बनी हुई है कि यदि सपा अपने उम्मीदवारों का नामांकन वापस नहीं लेती है, तो यह कांग्रेस के लिए महाराष्ट्र चुनावों में बड़ा झटका साबित हो सकता है। राज्य की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा, और परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इंदौर: विवाद 'पटाखों' का था ही नहीं, गैंगरेप और मोहल्ले पर कब्जे की थी साजिश पुरी के जगन्नाथ मंदिर की दीवारों में आई दरार, ताबड़तोड़ मरम्मत में जुटी ओडिशा सरकार प्रेमिका से मिलने के लिए भारत में घुसा पाकिस्तानी प्रेमी और फिर जो हुआ...