लखनऊ: समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को संभल पहुंचा और जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान पुलिस पर पथराव करने और दंगा करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपियों से जेल में जाकर मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मुरादाबाद के पूर्व महापौर डॉ एसटी हसन ने किया। जेल के अधिकारियों ने बताया कि मुलाकात के लिए पहले से पर्ची जमा की गई थी। मुलाकात करने वाले नेताओं में डॉ एसटी हसन, अमरोहा जिले के विधायक समरपाल सिंह, ठाकुरद्वारा के विधायक नवाब जान खान और अन्य 15 लोग शामिल थे। डॉ एसटी हसन ने बताया कि हिंसा के बाद कई लोग जेल में बंद हैं, जिनमें कई मासूम भी शामिल हैं, जिनका बवाल से कोई संबंध नहीं था। उन्होंने कहा कि हम इन लोगों से मिलकर उन्हें कानूनी मदद देने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वे जल्द जेल से बाहर आ सकें। जब विपक्ष ने संभल को सियासी टूरिज्म बनाने का आरोप लगाया, तो डॉ हसन ने कहा कि जिन लोगों ने मणिपुर में हुई हिंसा की स्थिति को जानने की कोशिश नहीं की, उन्हें संभल का दौरा टूरिज्म जैसा लग रहा है। संभल में हरिहर मंदिर और जामा मस्जिद के मामले में अदालत के आदेश पर सर्वे टीम ने जांच की थी, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी और चार लोग मारे गए। शांति बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के संभल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। अढ़ाई दिन का झोपड़ा.., कभी एक जैन मंदिर था, आज है मस्जिद..! 'हिमाचल का विकास रोकना चाहती है केंद्र सकरार...', सीएम सुक्खू का गंभीर आरोप 'सत्ता की चाहत होती तो..', पद को लेकर क्या बोले एकनाथ के बेटे श्रीकांत?