उत्तर प्रदेश में उपचुनाव का ऐलान भले ही नहीं हुआ हो, लेकिन राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) ने मंगलवार को 10 सीटों में से 6 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी, जिससे राजनीतिक विश्लेषक भी चौंक गए हैं। सपा की इस पहली लिस्ट में करहल सीट से तेज प्रताप सिंह यादव, सीसामऊ से नसीम सोलंकी, फूलपुर से मुफ्तफा सिद्दीकी, मिल्कीपुर से अजीत प्रसाद, कटेहरी से शोभावती वर्मा और मझंवा से ज्योति बिंद को उम्मीदवार बनाया गया है। सपा की रणनीति: लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई इन सीटों पर उपचुनाव की घोषणा जल्द होने की संभावना है। चुनाव आयोग ने अपनी तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। सपा द्वारा उम्मीदवारों के नाम की घोषणा ने गठबंधन की संभावनाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि कांग्रेस अभी भी इन सीटों पर अपने दावे कर रही थी। सपा ने कांग्रेस को एक से दो सीट देने का मन बनाया है, जबकि कांग्रेस पांच सीटों की मांग कर रही है। गठबंधन पर सवाल: कांग्रेस और सपा के गठबंधन को लेकर अभी तक स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। हालांकि, सपा ने जिन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, वे ज्यादातर सीटें वे हैं जहां उसके सदस्य इस्तीफा देकर खाली कर गए थे। बीते विधानसभा चुनाव में सपा ने इन सीटों पर जीत दर्ज की थी। पीडीए फार्मूला: सपा ने उम्मीदवारों के चयन में अपने पीडीए (पिछड़े-दलित-अल्पसंख्यक) फार्मूले का ध्यान रखा है। इस फार्मूले के जरिए सपा विभिन्न सामाजिक समूहों को साधने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी हर सीट के लिए अपने तीन-तीन उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर लिया है, जिसे पार्टी हाईकमान के पास जल्द ही भेजा जाएगा। राजनीतिक दलों के बीच जारी रणनीतिक कदमों से उपचुनाव का मुकाबला दिलचस्प हो गया है। सपा की यह चाल न केवल गठबंधन पर असर डालेगी बल्कि बीजेपी और कांग्रेस के आगे की रणनीतियों को भी प्रभावित करेगी। अमिताभ बच्चन को अपने पिता का पुनर्जन्म मानते थे हरिवंश राय, खुद किया खुलासा रतन टाटा ने प्रोड्यूस की थी फिल्म, अमिताभ बच्चन ने निभाया था लीड रोल 3 महीने में 194 नक्सली ढेर..! अमित शाह बोले- अंतिम साँसें गिन रहा नक्सलवाद