भगवान शिव को सपा नेता ने दी गाली.., Video हुआ वायरल, क्या कोई कार्रवाई करेंगे अखिलेश यादव ?

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष एवं समाजवादी पार्टी (सपा) MLC लाल बिहारी यादव ने ज्ञानवापी मामले में भगवान शिव पर अश्लील टिप्पणी करते हुए बखेड़ा खड़ा कर दिया है। जिसका वीडियो सामने आने से लोगों में आक्रोश है। सपा नेता ने ज्ञानवापी में पाए गए‘शिवलिंग’ को खारिज करते हुए कहा कि, 'भगवान शिव आदमी थे या पत्थर? वहाँ शिव का &% मिला था कि पत्थर। शिव लिंग होता तो गल गया होता। भगवान शिव का *** जहाँ-जहाँ गिरा होगा, वो मांस और हड्डी का रहा होगा, वहीं गल गया होगा कि पत्थर का होगा, जो वहीं पड़ा होगा।'

 

पत्रकार शुभंकर मिश्रा ने लाल बिहारी यादव का वीडियो ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा है कि, 'सपा के MLC लाल बिहारी यादव की ‘भगवान शिव’ पर चौंकाने वाली घृणित टिप्पणी। ऐसी टिप्पणी जो करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर चोट करती है। क्या ऐसे गंदे व्यक्ति को अखिलेश यादव पार्टी से निकालेंगे?' वहीं भगवान शिव का अपमान करने वाले लाल बिहारी यादव पर कार्रवाई की माँग की जा रही है। सोशल मीडिया पर उनके इस बयान का विरोध भी शुरू हो चुका है। उनके घृणित बयान के विरोध में हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने जिला संयोजक अमित श्रीनेत की अगुवाई में सपा MLC लाल बिहारी यादव का पुतला भी दहन किया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हिन्दू युवा वाहिनी का कहना है कि लाल बिहारी यादव ने हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया है। वह इसके लिए माफी माँगे। यदि उन्होंने माफी नहीं माँगी तो हिदू युवा वाहिनी व्यापक प्रदर्शन कर विरोध जारी रखेगी। बता दें कि लाल बिहारी यादव ने कानपुर की घटना का भी बचाव किया और भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा का भड़काऊ भाषण को हिंसा का कारण बताया है। रिपोर्ट के मुताबिक, सपा नेता ने यह भी कहा है कि, 'भाजपा के लोग इसी प्रकार से बोलकर दंगे कराते हैं। भाजपा सरकार का मुद्दा हिदू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद है, उनको विकास से कोई लेना-देना नहीं है।' अब देखना ये है कि, क्या अखिलेश यादव अपने नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई करते हैं या नहीं ?

क्या है पूरा विवाद:-

इस पूरे घटनाक्रम में ध्यान देने वाली बात यह है कि, हाल ही में भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगम्बर मोहम्मद को लेकर एक विवादित बयान दिया गया था, जिसे लेकर पूरी दुनिया में जमकर विवाद छिड़ा हुआ है। कई मुस्लिम देशों ने इसकी निंदा की है, साथ ही भारतीय मुस्लिमों में भी आक्रोश है। गुस्सा होना भी लाज़मी है, क्योंकि भारत में सभी धर्मों को सम्मान दिया जाता है और यहाँ की संस्कृति सभी धर्मों को समान मानकर पूजती है। लेकिन जब से ज्ञानवापी मामला सुर्ख़ियों में आया है और वहां सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है। उसके बाद से ही सोशल मीडिया पर हिन्दुओं के आराध्य देव शिव का मज़ाक बनाया जा रहा है और ये कोई नई बात नहीं है। अरफ़ा खानम शेरवानी से लेकर राणा आयूब तक हिन्दू देवी देवताओं को लेकर अपमानजनक पोस्ट कर चुके हैं।

ये पूर्णतः सत्य है कि, भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष और लोकतान्त्रिक देश में किसी को भी किसी दूसरे के धर्म का अपमान करने की छूट नहीं है, लेकिन यही बात उन पर भी लागू होती है, जो कभी सड़क के किनारे लगने वाले पिलर्स को शिवलिंग बताकर उसका मज़ाक उड़ाते हैं, तो कभी दूसरे देवी-देवताओं पर अपमानजनक पोस्ट करते हैं। कहने का तात्पर्य केवल इतना है कि, जो सम्मान, पैगम्बर मोहम्मद का है, वही जीसस का भी है, वही महादेव का और वही गुरु नानक का है। इसीलिए अगर आप किसी पर कीचड उछालोगे तो सामने वाला भी ऐसा कुछ कर सकता है, लिहाजा सभी को अपनी मर्यादाओं का पालन करना चाहिए।   

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