नासिक: बेईमानों पर थूकना हिंदू संस्कृति है। बेईमानों पर तो स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर ने भी थूका था। मैंने जो यह हरकत की है, उस पर इतना हल्ला क्यों? ये बयान है शिवसेना (UBT) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत का, जिन्होंने अपनी दो दिनों में लगातार ऑन कैमरा शिंदे गुट के नेताओं के नाम सुनकर थूकने की हरकत पर यह बात कही है। दरअसल, संजय राउत आज यानि शनिवार (3 जून) को नासिक से त्र्यंबकेश्वर जाते समय मीडिया से बात कर रहे थे। संजय राउत की इस हरकत के विरोध में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेताओं और कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है। शिंदे सेना के कार्यकर्ता आज पूरे महाराष्ट्र में संजय राउत के खिलाफ ‘जूते मारो आंदोलन’ कर रहे हैं। उनकी तस्वीरों और पोस्टरों पर जूते-चप्पल बरसाए जा रहे हैं। कोई उन्हें जेल भेजने की मांग कर रहा है, तो कोई उन पर अट्रॉसिटी का मामला दर्ज करने की मांग कर रहा है। साथ ही कोई संजय राउत को माफी मांगने के लिए कह रहा है। तो कोई कह रहा है कि संजय राउत का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। इस पर आज संजय राउत ने आज कहा है कि जूते तो जनता उन्हें मारेगी। बस गद्दारों को जूते मारने के लिए जनता को चुनाव होने की प्रतीक्षा है। उनके पास न काम है ना धंधा। लोकतंत्र में सबको अभिव्यक्ति की आज़ादी है। जो चाहें, उन्हें करने दीजिए। वैसे सही मायने में इन गद्दारों को जूते तो खुद पर मारने चाहिए। इन्होंने शिवशाही से गद्दारी की, शिवसेना से गद्दारी की। और ये गद्दार कल शिवाजी महाराज के राजतिलक का जश्न मना रहे थे।राउत ने कहा कि, गद्दारों पर तो वीर सावरकर ने भी थूका था और मैं उनका भक्त हूँ। सीएम नितीश कुमार ने पर्यावरण मंत्रालय के काम पर बुलाई समीक्षा बैठक, पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव ही रहे गायब जिस 'मुस्लिम लीग' में एक भी सदस्य हिन्दू नहीं, वो पार्टी राहुल गांधी के लिए सेक्युलर कैसे ? - नितेश राणे का सवाल आतंकवाद का कोई धर्म नही होता! फिर आतंकी बनने से पहले धर्म क्यों बदलना पड़ता है ?