नई दिल्ली: भारत के सूचना एवं प्रसारण और युवा मामले एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को अपनी निर्धारित चीन यात्रा रद्द कर दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह घटनाक्रम भारत के तीन वुशु खिलाड़ियों, न्येमान वांग्सू, ओनिलु टेगा और मेपुंग लाम्गु को चीन में प्रवेश से वंचित किए जाने के विरोध के प्रतीक के रूप में सामने आया है। भारतीय वुशू टीम के बाकी सदस्य, जिसमें सात अन्य खिलाड़ी और कर्मचारी शामिल थे, हांगकांग के लिए उड़ान भरी और वहां से चीन के हांगझू के लिए उड़ान भरी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि, "भारत सरकार हमारे हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखती है।" चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के खिलाड़ियों को मान्यता देने से इनकार करने पर विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, ''भारत अधिवास के आधार पर भारतीय नागरिकों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार को खारिज करता है।'' इसके अलावा, विदेश मंत्रालय ने कहा, "चीन की कार्रवाई एशियाई खेलों की भावना, उनके आचरण को नियंत्रित करने वाले नियमों का उल्लंघन करती है।" भारतीय खिलाड़ियों को दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में भारतीय खेल प्राधिकरण के छात्रावास में वापस लाया गया है। चीन में वुशु टीम के एक शीर्ष सूत्र ने मीडिया को बताया कि उन्होंने इस मामले को एशियाई खेलों की आयोजन समिति और OCA (एशिया ओलंपिक परिषद) के समक्ष भी उठाया है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मामला जल्द ही सुलझ जायेगा। चीन की प्रतिक्रिया:- इस बीच, भारतीय खिलाड़ियों को चीन में प्रवेश से वंचित किए जाने की खबरों के जवाब में, देश के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने शुक्रवार को कहा कि, "मेजबान देश के रूप में, चीन सभी देशों के एथलीटों का कानूनी दस्तावेज़ों के साथ एशियाई खेलों में भाग लेने के लिए हांगझू आने का स्वागत करता है।" निंग ने आगे कहा कि, "जहां तक तथाकथित 'अरुणाचल प्रदेश' का सवाल है, चीनी सरकार इसे मान्यता नहीं देती है। ज़ंगनान (दक्षिण-पश्चिम चीन के ज़िज़ैंग स्वायत्त क्षेत्र का दक्षिणी भाग) चीन के क्षेत्र का हिस्सा है।" कर्नाटक की कांग्रेस सरकार से क्यों नाराज़ हैं पूर्व पीएम देवेगौड़ा ? मल्लिकार्जुन खड़गे पर भी उठाए सवाल भारत को उभरते बाजारों के बेंचमार्क सूचकांक में जोड़ेगा जेपी मॉर्गन, सरकार बोली- भारतीय अर्थव्यवस्था पर दुनिया का विश्वास चंद्रबाबू नायडू को हाई कोर्ट से बड़ा झटका, भ्रष्टाचार मामले में FIR रद्द करने की मांग वाली याचिका ख़ारिज