हरियाणा में रोहतक डिस्ट्रिक्ट के इंदरगढ़ गांव की रहवासी शिक्षा वूशु की नेशनल प्लेयर है. 56 और 60 किलोग्राम भार वर्ग में नौ राष्ट्रीय, जबकि प्रदेश लेवल पर चौबीस गाेल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल जीतने के बाद वह मजदूरी करने के लिए मजबूर थी, जैसे ही यह खबर खेल मिनिस्टर किरेन रिजिजू को पता लगा उन्होंने तत्काल साहयता पहुंचाई. खेल मिनिस्टर की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक 22 वर्षीय शिक्षा को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण निधि के तहत 5 लाख रुपये की मदद राशि स्वीकृत की गई. कोरोना संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन के वजह से फैमिली की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई थी. खेत में मजदूरी करके फैमिली पालने के लिए मजबूर शिक्षा को गत 3 वर्ष से खेल डिपार्टमेंट से कैश अवाॅर्ड और एससी कैटेगरी में मिलने वाली स्कॉलरशिप का इंतजार था, लेकिन अब वह बेहद खुश हैं. बता दें की स्पोर्ट्स साइंस में बीएससी की पढ़ाई कर रही शिक्षा मिनिस्टर किरेन रिजिजू के इस कोशिश से गदगद है. उन्होंने बोला कि, 'मेरे पास खेल मिनिस्टर का थैंक्स करने के लिए शब्द नहीं है. अब मैं दोबारा ट्रेनिंग करने के लिए लालायित हूं. ऐसे एक्टिव मंत्री को देखना बहुत अच्छा है जो एथलीटों की परवाह करता है. मैं सभी से वादा करती हूं कि एक वर्ष के अंदर देश के लिए स्वर्ण पदक जीतूंगी. ' कब खेला जाएगा IPL 2020 का फाइनल ? दो तारीखों पर चल रहा विचार लीजेंड्स शतरंज टूर्नामेंट: विश्वनाथन आनंद की हुई सातवीं हार भारतीय फुटबॉल कोच स्टीमेक का कार्यकाल बढ़ा