कोलंबो: श्रीलंका में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच हजारों तमिल कैदियों की रिहाई की जा सकती है. राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरिसेन द्वारा प्रधानमंत्री नियुक्ति किए गए महिंद्रा राजपक्षे के सांसद पुत्र नमल के एक ट्वीट से इसके संकेत मिले हैं. नमल के अनुसार राष्ट्रपति सिरिसेन और प्रधानमंत्री राजपक्षे जल्द ही तमिल कैदियों की रिहाई पर फैसला करने वाले हैं. विधानसभा चुनाव: भाजपा की जीत मुश्किल, कांग्रेस दे रही कड़ी चुनौती इस बीच, देश में जारी राजनीतिक संकट खत्म होने की भी संभावना बढ़ गई है, राष्ट्रपति ने 14 नवंबर को संसद सत्र बुलाया है. राष्ट्रपति के सचिव की तरफ से जारी सरकारी अधिसूचना में इसका ऐलान किया गया है. दरअसल, प्रधानमंत्री पद से रानिल विक्रमसिंघे की बर्खास्तगी होने के बाद प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए राजपक्षे की पार्टी के पास अपने दम पर संसद में बहुमत साबित करने लायक संख्याबल नहीं है. ऐसे में संसद में 16 सदस्यों वाली तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) का महत्त्व बढ़ गया है और वो किंगमेकर की भूमिका में आ गई है. फ्रांस से आज़ादी की मांग को लेकर न्यू सेलेडोनिया ने आयोजित किया जनमत संग्रह श्रीलंका के संसद में बहुमत साबित करने के लिए 113 सदस्यों की जरूरत है, राजपक्षे के पास 100 और विक्रमसिंघे के पास 103 सांसद हैं, ऐसे में तमिल संगठन जिसे समर्थन देगा वो बहुमत साबित कर सत्ता में आ जाएगा. लेकिन, टीएनए राजपक्षे की घोर विरोधी पार्टी है, उसने अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति में राजपक्षे के खिलाफ मतदान करने का ऐलान पहले ही कर दिया है. इस स्तिथि में विक्रमसिंघे की सरकार बनने के अवसर ज्यादा हैं. खबरें और भी:- स्टैच्यू आॅफ यूनिटी: जितनी ऊंची मूर्ति उतने ऊंचे टिकिट के दाम पाकिस्तान: आसिया बीबी के पति ने अदालत से मांगी सुरक्षा श्रीलंका में बंद तमिल कैदी होंगे रिहा, महिंदा राजपक्षे ने दिए संकेत